facebookmetapixel
अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौका

फिर शुरू होगी जम्मू-कश्मीर स्थित सोलीना यार्न मिल

Last Updated- December 05, 2022 | 4:48 PM IST

जम्मू और कश्मीर सरकार ने प्रसिद्ध सोलीना यार्न प्लांट को फिर से चालू करने का फैसला किया है ताकि राज्य में ऊनी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके।


पिछले दो दशकों के दौरान राज्य में आंतकवादी घटनाओं के चलते ऊनी वस्त्र उद्योग दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया था। हालांकि अब केन्द्र सरकार द्वारा उद्योग के पुनरुद्धार के लिए विशेष पैकेज देने से कारोबारियों में उम्मीद जगी है। इसके अलावा बंद पड़ी ऊनी मिलों के लिए राज्य की तरफ से भी कुछ फंड जुटाया गया है।


 राज्य में पशु और भेड़ पालन तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्री ताज मोहीउद्दीन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि श्रीनगर के रामबाग इलाके में स्थित सोलीना यार्न प्लांट की पिछले दो दशकों के दौरान पूरी तरह उपेक्षा की गई है। उन्होंने दावा किया कि इस फैक्ट्री के पुरोद्धार से राज्य में ऊन उद्योग में तेजी आएगी।


ताज ने बताया कि यह संयंत्र अभी तक जम्मू और कश्मीर इंडस्ट्रीज के तहत था लेकिन अब इसे जम्मू और कश्मीर भेड़ और ऊन बोर्ड के सुपुर्द कर दिया गया है। इस संयंत्र की क्षमता प्रतिदिन 300 किलो धागा तैयार करने की है। इस धागे का इस्तेमाल कंबल, हैंडलूम और अन्य उत्पाद तैयार करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में अपनी तरह की यह पहला संयंत्र है और इस साल अप्रैल से इसमें उत्पादन शुरू हो जाएगा।


संसंत्र में मरम्मत  और आधुनिकीकरण का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर से मदद भी मांगी गई है। सोलीना संयंत्र के शुरू होने से  बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इस संयंत्र से जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्ध सैनिक बलों की मांग को पूरा किया जाएगा। इस समय जम्मू और कश्मीर ऊनी कपड़ों के लिए काफी हद तक पंजाब की मिलों पर निर्र्भर है, हालांकि कारोबारियों की उम्मीद है कि जल्द ही राज्य में भी ऊनी कपड़ों का निर्माण जोर पकड़ेगा।

First Published - March 20, 2008 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट