जम्मू और कश्मीर सरकार ने प्रसिद्ध सोलीना यार्न प्लांट को फिर से चालू करने का फैसला किया है ताकि राज्य में ऊनी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके।
पिछले दो दशकों के दौरान राज्य में आंतकवादी घटनाओं के चलते ऊनी वस्त्र उद्योग दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया था। हालांकि अब केन्द्र सरकार द्वारा उद्योग के पुनरुद्धार के लिए विशेष पैकेज देने से कारोबारियों में उम्मीद जगी है। इसके अलावा बंद पड़ी ऊनी मिलों के लिए राज्य की तरफ से भी कुछ फंड जुटाया गया है।
राज्य में पशु और भेड़ पालन तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्री ताज मोहीउद्दीन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि श्रीनगर के रामबाग इलाके में स्थित सोलीना यार्न प्लांट की पिछले दो दशकों के दौरान पूरी तरह उपेक्षा की गई है। उन्होंने दावा किया कि इस फैक्ट्री के पुरोद्धार से राज्य में ऊन उद्योग में तेजी आएगी।
ताज ने बताया कि यह संयंत्र अभी तक जम्मू और कश्मीर इंडस्ट्रीज के तहत था लेकिन अब इसे जम्मू और कश्मीर भेड़ और ऊन बोर्ड के सुपुर्द कर दिया गया है। इस संयंत्र की क्षमता प्रतिदिन 300 किलो धागा तैयार करने की है। इस धागे का इस्तेमाल कंबल, हैंडलूम और अन्य उत्पाद तैयार करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में अपनी तरह की यह पहला संयंत्र है और इस साल अप्रैल से इसमें उत्पादन शुरू हो जाएगा।
संसंत्र में मरम्मत और आधुनिकीकरण का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर से मदद भी मांगी गई है। सोलीना संयंत्र के शुरू होने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इस संयंत्र से जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्ध सैनिक बलों की मांग को पूरा किया जाएगा। इस समय जम्मू और कश्मीर ऊनी कपड़ों के लिए काफी हद तक पंजाब की मिलों पर निर्र्भर है, हालांकि कारोबारियों की उम्मीद है कि जल्द ही राज्य में भी ऊनी कपड़ों का निर्माण जोर पकड़ेगा।