बैंकों की बढ़ी ब्याज दरों और निवेशकों की बेरुखी से लगभग पूरे देश के भवन निर्माता ग्राहकों के लिए तरसते नजर आने लगे है।
यही कारण है कि नए भवनों के निर्माण में कमी आ गई है। यह बात मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में आने वाले प्रस्तावों से साफ हो जाती है, लेकिन दूसरी ओर नवी मुंबई के खारघर, वासी और डोबिवली जैसे इलाकों में जमीन की कीमतें ऊपर ही जा रही हैं,जिसका कारण यहां प्रस्तावित इंटरनेशनल एयर पोर्ट है।
बीएमसी के बिल्डिंग प्रपोजल डिपार्टमेंट में भवनों के निर्माण के लिए आने वाले नए प्रस्तावों में 50 फीसदी से भी ज्यादा की कमी आई है। बीएमसी अधिकारियों के अनुसार पिछले साल इस समय लगभग 10 दिन में 10 या उससे भी ज्यादा प्रस्ताव आते थे, लेकिन अब 10 दिनों में एक प्रस्ताव ही आ पाता है।
इसके अलावा पिछले साल बीएमसी से 1100 आईओडी (इंटीमेशन ऑफ डिसअप्रूवल) इश्यू किये गये थे जो इस बार बहुत ही कम बताये जा रहे हैं। मंदी की एक और झलक एसोचैम के ताजा आंकड़ों में भी दिखाई दे रही है।
एसोचेम की रिपोर्ट के अनुसार दूसरी और तीसरी श्रेणी के जिन शहरों में पिछले साल फरवरी से जुलाई तक के 6 महीने की अवधि में संपति खरीदने की मांग 22 से 23 फीसदी तक बढ़ रही थी वहीं इस साल इसी अवधि में इसमें 25 फीसदी की गिरावट देखी गई है। मंदी के इस दौर में भी नवीं मुंबई के खारघर और वासी जैसे इलाकों में तेजी का माहौल बरकरार है।
यह बात सिडको द्वारा प्लाट बिक्री के लिए मंगवाई गई निविदा से पता चलता है। 6 भूखंडों के लिए मांगी गई निविदा के लिए 252 निविदाएं सिडको को प्राप्त हुई। इनमें सबसे महंगी निविदा प्रति वर्ग मीटर जमीन के लिए एक लाख 22 हजार 500 रुपये थी जो अब तक की सबसे महंगी निविदा है। जबकि कुछ महीनों पहले मुंबई का कार्पोरेट हब माना जाने वाला बांद्रा कुर्ला कम्प्लेक्स के 5 भूंखड़ों के लिए एमएमआरडीए को दो के खरीददार भी नहीं मिल पाये थे।
नवीं मुंबई में विशेषकर खारघर इलाके में तेजी के महौल पर शाह ग्रुप के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बताते हुए कहते हैं कि खारघर में यह तेजी और गति पकड़ने वाली है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, रिलायंस सेज, लंदन के हाइट पार्क की तर्ज पर सिडको का 27 एकड़ में बन रहा सेंटर पार्क, इस्कॉन मंदिर, पांच सितारा होटल, साइंस सिटी और 50 एकड़ में बनाए जाने वाला सत्य साईं बाबा का सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट यहां बन रहे हैं। यहां पर बहुत सी राष्ट्रीय एवं अतंर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाएं भी तेजी से अपने केन्द्र खोल रही हैं। ऐसे में लोग इस इलाके को भविष्य का शहर मानकर निवेश कर रहे हैं।