गरवारे नायलॉन लिमिटेड (जीएनएल) में काम करने वाले कामगार की झोली में इतनी बड़ी खुशी आई है जिसके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
कंपनी के दिवालिया होने के कारण 1996 में इन मजदूरों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। अब यही कामगार पुणे से करीब 120 किमी दूर अहमदनगर में छह एकड़ जमीन पर बने संयंत्र के मालिक बन गए हैं। इस संयंत्र में अब जल्द ही उत्पादन दोबारा शुरू किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
इस संयंत्र पर 28 अगस्त, 1996 को ताला लगा दिया गया था और इस तरह 300 से ज्यादा कामगार सड़क पर आ गए थे। बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में जीएनएल के अहमदनगर संयंत्र की नीलामी का आदेश दिया था ताकि जिनका पैसा बकाया है उसे चुकता किया जा सके।
इस अवसर को भांपते हुए पुणे के एक समूह पीपुल्स फ्रंट (सीपीएफ) ने 210 कामगार को इकट्ठा किया और अहमदनगर संयंत्र के लिए बोली लगाने का निर्णय लिया। सीपीएफ के अध्यक्ष डॉमिनिक लोबो ने बताया, ‘1996 में कंपनी बंद हो गई थी और उसके बाद से ही कामगार और उनके परिवार के सदस्य बड़ी मुश्किल से जिंदगी बिता रहे थे।
ऐसे में संयंत्र को खरीदने के लिए आवश्यक 6 करोड़ रुपये की रकम जुटाना बहुत मुश्किल था। पर मजदूरों को पूरा भरोसा था और उन्होंने बोली जीत ली।’ अब कामगार आने वाले दिनों के लिए तैयारी करने में जुटे हैं। आगे किस तरह से उत्पादन शुरू करना है, वे इसकी योजना बना रहे हैं।
सीपीएफ के सदस्यों और कामगारों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मशीनें खरीदने के लिए पुणे के नजदीक बसे शहर वाई का दौरा करेगा। लोबो ने बताया, ‘हमारी योजना अगले छह महीनों में उत्पादन शुरू करने की है। हमारे ऊपर लगात का दबाव तो है। पर चूंकि हमने इस बंद पड़ी इकाई को खरीद लिया है, इस वजह से बैंकों ने हमारी इस परियोजना को वित्त मुहैया कराने में दिलचस्पी दिखलाई है।’
बंबई उच्च न्यायालय के पास जो नीलामी रकम जमा कराई गई थी उसका 18 फीसदी कामगारों को दिए जाने की उम्मीद है ताकि उनका बकाया चुकता हो सके। लोबो ने बताया कि कामगारों ने इस इकाई को खरीदने के लिए अपने जेवर और प्रॉविडेंट फंड को भी सामने रख दिया है। उन्होंने बताया कि अदालत से उन्हें जल्द ही उनका बकाया वापस मिल जाएगा।
लोबो ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि तब तक हम अहमदनगर इकाई से उत्पादन शुरू कर देंगे।’ उनके मुताबिक उत्पादन शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से कुछ प्रोत्साहनों की मांग की जाएगी और शुरुआती दौर में पैकेजिंग उत्पादों का उत्पादन होगा।
