पिछली तिमाही में भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बड़े विदेशी निवेशकों की एंट्री हुई। SMBC ने Yes Bank में, Emirates NBD ने RBL Bank में और Blackstone ने Federal Bank में बड़ा निवेश किया। इससे साफ दिखता है कि दुनिया के बड़े फाइनेंशियल प्लेयर्स भारतीय बैंकों पर भरोसा बढ़ा रहे हैं।
अधिकांश बैंकों ने Q2FY26 में लोन और जमा दोनों में मजबूत दो-अंकीय बढ़त दर्ज की। AU, IDFC First और Ujjivan सबसे आगे रहे। Equitas इस तिमाही में थोड़ा कमजोर रहा और फिलहाल आउटलाइनर बना हुआ है। सेंट्रम की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने इस तिमाही में रिटेल जमा और CASA पर ज्यादा जोर दिया, जिससे उनकी पैसा जुटाने की लागत कम रही और जमा की क्वालिटी सुधरी।
सेंट्रम का कहना है कि Q2 में सेक्टर का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) स्थिर हुआ या नीचे से सुधरने लगा। जमा लागत में राहत और रि-प्राइसिंग के फायदे दिखने लगे हैं। Axis, Federal, RBL, IDFC First और Ujjivan ने मार्जिन आगे और बेहतर होने की उम्मीद जताई है।
सेंट्रम के मुताबिक, Q2 में बैंकों का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) स्थिर हुआ है और अब पहले से बेहतर होने लगा है। जमा पर खर्च कम हुआ है और रि-प्राइसिंग के फायदे दिखने लगे हैं। Axis, Federal, RBL, IDFC First और Ujjivan का कहना है कि आने वाले समय में उनका मार्जिन और बढ़ेगा।
AU और कुछ बड़े बैंकों ने खर्च पर अच्छा नियंत्रण रखा और उनकी कमाई खर्च से ज्यादा रही। छोटे SFB बैंक अभी उतने अच्छे नहीं दिख रहे, लेकिन जैसे-जैसे उनकी कमाई बढ़ेगी, वे भी सुधार दिखाएंगे। Q2 में ज्यादातर बैंकों की लोन गुणवत्ता (एसेट क्वालिटी) भी अच्छी रही। बैड लोन (GNPA) बढ़े नहीं और माइक्रोफाइनेंस व बिना गारंटी वाले लोन में जो दबाव Q1 में था, वह अब काफी कम हो गया है।
सेंट्रम ने अपने यूनिवर्सल बैंकों में Axis Bank को अपनी टॉप पसंद बताया है। वहीं SFB में Equitas और Suryoday उनकी प्रमुख पसंद हैं।