चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करने और छोटे व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार नई निर्यात नीति पेश करेगी। नई निर्यात नीति में उत्तर प्रदेश के विशिष्ट उत्पादों के प्रोत्साहन पर विशेष जोर होगा। इसमें उद्यमियों से मिलने वाले सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले तीन साल में सालाना निर्यात को बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का है। बीते साल उत्तर प्रदेश से 1.20 लाख करोड़ रुपये निर्यात किया गया था जबकि इस साल के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन नवनीत सहगल के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में प्रदेश से 1.20 लाख करोड़ जबकि उसके पहले 1.14 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। अब इसको बढ़ाकर दोगुना किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए नई निर्यात प्रोत्साहन नीति भी बनाई जा रही है।
नई निर्यात नीति में इलेक्ट्रानिक उत्पादों, चिकन, सिल्क व सूती वस्त्रों, कालीन, पीतल के सामान, कांच के उत्पाद, इत्र, खाद्य उत्पादों सहित एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सहगल ने कहा कि चीन से विश्व में निर्यात होने वाले वस्त्रों को उत्तर प्रदेश से एक्सपोर्ट कराने के लिए इकाइयों से चर्चा की जा रही है। उनसे प्राप्त सुझावों को आने वाली निर्यात प्रोत्साहन नीति में भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लखनऊ की चिकनकारी, वाराणसी का सिल्क ओडीओपी में शामिल है। चिकन के वस्त्रों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। नई नीति में इस बात की व्यवस्था की जाएगी कि एमएसएमई उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों पर पूरी तरह से खरे उतरें। प्रस्तावित नई निर्यात नीति में सब्सिडी से लेकर तमाम कामों को ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे उद्यमियों को परेशानी न हो। प्रदेश सरकार ने हाल ही में उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए आनलाइन प्रदर्शनी की शुरुआत की है। कालीन व सिल्क के उद्यमियों सहित कई अन्य क्षेत्रों को ऑनलाइन प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए सहायता दी जा रही है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो दशक पहले निर्यात संवर्धन ब्यूरो की स्थापना की गई थी। ब्यूरो राज्य एवं केंद्रीय एजेंसियों की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध कराता है।