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मप्र: कारोबारियों की फिर अनदेखी

Last Updated- December 07, 2022 | 10:07 PM IST


मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर ‘फार्म 49’ को रद्द करने की कारोबारियों की मांग को अस्वीकार कर दिया है। यदि कोई कारोबारी किसी दूसरे राज्य से वस्तुएं मंगाता है तो उसे फार्म 49 के तहत इसका पूरा ब्यौरा देना जरूरी है।

इससे पहले कारोबारियों ने भोपाल चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के बैनर तले इस प्रावधान को रद्द करने की मांग की। कारोबारियों का कहना है कि वाणिज्यिक चौकी पर रोका-टीकी के कारण सामानों की आपूर्ति में देरी होती है।

वाणिज्यिक कर विभाग के प्रधान सचिव जी पी सिंघल ने बिजनेस स्टैडर्ड को बताया कि ‘हमें अभी तक किसी भी वास्तविक कारोबारी से फार्म 49 के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है।

केवल कर चोरी करने वाले और गलत व्यापारिक गतिविधियों में लगे लोग ही फार्म 49 को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।

फार्म 49 लगाने के बाद हमारे कर संग्रह की वृद्धि दर 2002-03 के 5 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर बीते साल 20 प्रतिशत से अधिक हो गयी है।’ उन्होंने कहा कि ‘यह हमारे लिए जरूरी है क्योंकि हम महाराष्ट्र की तरह आपूर्तिकर्ता राज्य नहीं हैं बल्कि उपभोक्ता राज्य हैं।’

भोपाल चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष भारत पटेल ने हालांकि कहा कि फार्म 49 के गलत प्रावधानों के कारण राज्य में जीडीपी विकास दर 7.5 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले केवल 3.5 प्रतिशत ही है।

तीन राज्यों को छोड़ कर किसी भी राज्य में फार्म 49 का प्रावधान नहीं है। कारोबारियों के लिए यह काफी बोझिल काम है कि वह फार्म को भरे और फिर आपूर्तिकर्ता के पास भेजे। इसके बाद चौकी पर फार्म की जांच की जाए।

इस समय खपाने वाली कवायद से राज्य की विकास दर प्रभावित हो रही है। छत्तीसगढ़ में ऐसे ही प्रावधान वाले फार्म 59 को पहले ही खत्म किया जा चुका है।

हमने अपने नौकरशाहों ने इस प्रावधान को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का अनुरोध किया है, ताकि कारोबारियों को समय पर आपूर्ति की जा सके।’
वाणिज्यिक कर विभाग ने फार्म 49 के जरिए दूसरे राज्यों से  आयात की जाने वाली 31 वस्तुओं का विवरण देने की मांग की है।

राज्य के व्यापारी इस फार्म को भर का आपूर्तिकर्ता को भेजते हैं और आपूर्तिकर्ता वस्तुओं के साथ इसे वापस भेजता है।

सिंघल ने कहा कि यदि हम इन प्रावधानों को हटाते हैं तो हमें करीब 660 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ेगा जो इस साल के कुल कर संग्रह लक्ष्य 6600 करोड़ रुपये का 10 प्रतिशत है। बीते साल विभाग ने कई कारोबारियों पर छापे मारे थे।

First Published - September 25, 2008 | 8:48 PM IST

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