आखिरकार लखनऊ में भी मेट्रो रेल चलने का रास्ता साफ हो गया है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्दी ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
परियोजना के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुरुआती रकम के तौर पर 89 लाख रुपये जारी भी कर दिए हैं। परियोजना का खाका तैयार होते ही उसे अमली जामा पहनाने की तैयारी की जाएगी।
राज्य सरकार के एक आकलन के मुताबिक राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल बिछाने पर 500 करोड़ रुपये के आसपास का खर्च आएगा। उत्तर प्रदेश सरकार इस पूरे प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजेगी।
मेट्रो रेल परियोजना के तहत राजधानी लखनऊ में 14 किलोमीटर पूरब और पश्चिम गलियारे में पटरियों का जाल बिछाया जाएगा। मेट्रो रेल की पटरियों को बिछाने के लिए ज्यादातर जमीन का अधिग्रहण एलडीए करेगी। परियोजना के लिए नोडल एजेंसी भी एलडीए को ही बनाया जा रहा है। मेट्रो की पटरियों का जाल पूरी राजधानी की चारों दिशाओं में बिछाया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक डीएमआरसी के साथ मेट्रो रेल परियोजना के लिए सहमति पत्र पर इसी महीने हस्ताक्षर हो जाएंगे। डीएमआरसी ने लखनऊ में मेट्रो रेल बिछाने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर ही मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास किया जाएगा।
एलडीए की बोर्ड बैठक में इस परियोजना को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसका खाका तैयार करने के लिए एलडीए बोर्ड ने डीएमआरसी को 89 लाख रुपये दे दिए हैं। एलडीए अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो रेल 14 किलोमीटर के दायरे में राजधानी के एक छोर गोमतीनगर से लेकर दूसरे छोर राजाजीपुरम तक जाएगी।
डीएमआरसी से करार होने के बाद राज्य सरकार मेट्रो रेल परियोजना को केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजेगी। राज्य सरकार इस परियोजना के लिए जवाहर लाल नेहरू शहरी पुनर्नवीकरण अभियान (जेएनयूआरएम) से वित्तीय स्वीकृति चाह रही है। मेट्रो रेल परियोजना में राजधानी के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में 27 किलोमीटर के दायरे में रेल पटरियों का जाल बिछाया जाएगा।
उत्तर और दक्षिणी गलियारे में इसका अंतिम स्टेशन अमौसी एयरपोर्ट के पास होगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार की मंशा बाद में मेट्रो रेल का विस्तार बढ़ाकर कानपुर तक करने की है।
राज्य सरकार ने लखनऊ से कानपुर तक के 80 किलोमीटर के लंबे गलियारे के दोनो तरफ जमीन का अधिग्रहण शुरू कर रखा है। इस गलियारे के विकास का काम लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) के जरिए किया जा रहा है। इस औद्योगिक गलियारे में कई उद्योगों का विकास होना है।
लखनऊ में भी दौड़ेगी मेट्रो
14 किलोमीटर में होगा मेट्रो का दायरा
तकरीबन 500 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान
एलडीए होगी नोडल एजेंसी
डीएमआरसी करेगी खाका तैयार
वित्तीय स्वीकृति के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव
