उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीट के लिए चुनाव रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। संख्याबल के दम पर नौ सीटें तक जीत सकने की हैसियत वाली भारतीय जनता पार्टी ने केवल आठ प्रत्याशी खड़े कर बहुजन समाज पार्टी के लिए राह आसान करने का काम किया, वहीं आखिरी क्षणों में समाजवादी पार्टी ने निर्दलीय को समर्थन कर निर्विरोध चुनाव की संभावना को पलीता लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश से भाजपा ने आठ, सपा और बसपा ने एक-एक प्रत्याशी का नामांकन कराया है। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी वाराणसी के व्यवसायी प्रकाश बजाज का समर्थन कर दिया है। इससे जरूरी विधायकों की आधी तादाद होने के बाद भी एक सदस्य को राज्यसभा पहुंचाने का सपना देख रही बसपा के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है। हालांकि कोई बड़ा उलटफेर न हुआ तो फिलहाल संसद के उच्च सदन के लिए प्रदेश से भाजपा के आठ, सपा व बसपा के एक-एक प्रत्याशी का चुना जाना लगभग तय हो गया है। केंद्र में मंत्री रहे दिवंगत अखिलेश दास की पत्नी डॉक्टर अलका दास को आखिरी दिन पर्याप्त प्रस्तावक ही नहीं मिले। आखिरी पलों में सपा समर्थित प्रकाश बजाज के आने से एक बार फिर चुनाव होना तय हो गया है। कम विधायक संख्या होने के बावजूद इस बार बसपा ने भी अपना प्रत्याशी खड़ा किया है। अगर भाजपा नवां प्रत्याशी खड़ा करती तो बसपा की राह आसान नहीं हो सकती थी। इसे कहीं न कहीं भाजपा के मिशन 2022 में बसपा के लिए एक संकेत माना जा सकता है। बसपा ने राज्यसभा की एक सीट के लिए अपने कद्दावर दलित नेता रामजी गौतम का नामांकन कराया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा के केवल 18 विधायक ही हैं। इनमें से भी दो पहले के नाराज चल रहे हैं और सत्तारूढ़ भाजपा के नजदीक हैं। इतना ही नहीं महज 16 विधायकों के दम पर अपना प्रत्याशी उतारने से पहले बसपा प्रमुख मायावती ने अन्य विपक्षी दलों सपा या कांग्रेस को विश्वास तक में नहीं लिया था। अपना एक प्रत्याशी जिताने के बाद सपा के पास एक दर्जन तो कांग्रेस के पास पांच विधायक थे। विधानसभा में अपनादल के पास नौ, सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी के पास चार व रालोद के एक विधायक हैं।
अपनी सूची में भाजपा ने दो क्षत्रियों के साथ दो ब्राह्मण प्रत्याशियों को जगह देकर कहीं न कहीं संतुलन साधने और विरोधियों को जवाब देने की कोशिश की है। भाजपा ने क्षत्रिय, पिछड़े, एससी और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ महिलाओं की नुमाइंदगी का भी खयाल रखा है। भाजपा की सूची में सीमा द्विवेदी और गीता शाक्य दो महिला चेहरे भी हैं। वहीं, जातियों की बात करें तो अरुण सिंह, नीरज शेखर क्षत्रिय, हरिद्वार दुबे और सीमा द्विवेदी ब्राह्मण, बीएल वर्मा और गीता शाक्य पिछड़े वर्ग से हैं, जबकि प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल एससी और हरदीप सिंह पुरी सिख हैं। भाजपा ने विधायकों की संख्याबल के हिसाब से दस में से आठ सीटों पर जीत की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश से नवंबर में 10 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
