आने वाले त्यौहारी मौसम में ब्याज दरों के बढ़ने के चलते रियल्टी क्षेत्र से रुठे हुए उपभोक्ताओं को बाजार में लाने के लिए डेवलपर्स कंपनियों ने लुभावनी छूट देने की योजना बनाई है।
रियल एस्टेट विश्लेषकों का मानना है कि ब्याज दरों के बढ़ने से मध्यम वर्ग के उपभोक्ता मकान खरीदने से पीछे हट रहे हैं। लेकिन अगर इन उपभोक्ताओं को विशेष छूट और पैकेज देकर बाजार में वापस घसीट लिया जाए तो रियल्टी के बाजार में फिर से रौनक आ सकती है।
ऐसे में मध्यम वर्ग के उपभोक्ता दूसरी श्रेणी के क्षेत्रों में कम कीमत वाले मकानों में आसानी से निवेश कर सकते है। विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि जुलाई महीने की अपेक्षा अगस्त में होन लोन बाजार में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।
पर्ल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विपणन प्रमुख संजय माथुर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आने वाले त्यौहारी मौसम में हम उपभोक्ताओं को मोहाली स्थित अपनी पर्ल सिटी योजना में 8 फीसदी और जीरकपुर स्थित निर्मल छाया योजना में 6 फीसदी की छूट डाउन पेमेंट के अंतर्गत दे रहें है।
डिंपल चङ्ढा ग्रुप के उपाध्यक्ष सुधीर गुलाटी ने बताया कि हम कैंटन ग्रीन्स योजना में अपने पहले 200 खरीददारों को एक प्लाट लकी ड्रा के जरीये फ्री देने की कोशिश कर रहें है। श्रीग्रुप के निदेशक सुदीप अग्रवाल का कहना है कि आने वाले त्यौहारी मौसम में उपभोक्ताओं को विशेष छूट देने की हमारी भी दो से तीन योजनाएं पाइपलाइन में है। इन घोषणाओं की हम जल्द ही घोषणा कर देंगे।
सिडिकेंट बैंक के एक वरिष्ट अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर ब्याज दरें ऐसी ही रहने वाली है तो आने वाले समय में होम लोन बाजार के और भी ठंडे होने की संभावना है। रही बात छूट देने के बहाने बिक्री करने की तो यह प्रयोग दैनिक प्रयोग की वस्तुओं में तो सफल हो सकता है।
लेकिन मकान की खरीद में इसके सफल होने की संभावना बहुत ज्यादा नहीं है। क्योकि मकान को खरीदना अपने आप में लंबा निवेश होता है। जिसमे आगे के समय कीमतें कम होने पर उपभोक्ता को घाटा भी उठाना पड़ सकता है।