दिल्ली–मुंबई औद्योगिक कोरिडोर विकसित करने के लिए सरकार की ओर से गठित दिल्ली–मुंबई इंडस्ट्रीयल कोरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएमआईसीडीसी) ने शुरुआती चरण में चार रेल आधारभूत परियोजनाओं को चिह्नित किया है। 20,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का निर्माण सार्वजनिक–निजी साझेदारी के तहत किया जाएगा। डीएमआईसीडीसी की ओर से कोरिडोर के साथ–साथ औद्योगिक एस्टेट, टाउनशिप, परिवहन और लॉजिस्टिक हब आदि का भी विकास किया जाना है।
इस परियोजना के तहत दिल्ली–जयपुर के बीच 300 किलोमीटर की हाई स्पीड रेल लिंक बनाना भी शामिल है। इस पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा, गांधीनगर और अहमदाबाद के बीच 45 किलोमीटर तक मेट्रो रेल बिछाया जाना है, जिसकी लागत करीब 5,000 करोड़ रुपये है। अन्य परियोजना में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से गुड़गांव स्थित हीरो होंडा चौक तक (15 किलोमीटर) मेट्रो रेल लिंक निर्माण करने की योजना है। इस परियोजना पर करीब 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, साथ ही 3,000 करोड़ रुपये की लगात से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच 25 किलोमीटर मेट्रो रेल लाइन का निर्माण करने की योजना है।
इन परियोजनाओं के अलावा, डीएमआईसीडीसी की ओर से क्षेत्रीय रेल लिंक बनाने का भी प्रस्ताव है। इसमें महाराष्ट्र में पुणे–नासिक, हरियाणा में पलवल–रेवाड़ी, उत्तर प्रदेश में पलवल–खुर्जा शामिल है। हालांकि यह प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है और इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। प्रस्तावित दिल्ली–जयपुर के बीच जो हाई स्पीड रेल लिंक का निर्माण किया जाना है, उस पर रेलगाड़ियों की न्यूनतम गति–सीमा करीब 250 किमी प्रति घंटा होगी। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली–जयपुर के बीच एक घंटे में सफर तय की जा सकती है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना का मकसद राजधानी दिल्ली और इसके आस–पास के इलाकों को औद्योगिक हब के तौर पर विकास करना है, ताकि अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। ये सभी परियोजनाएं अभी प्रारंभिक चरण हैं, जिन पर अगले 6 से 12 महीने के अंदर काम शुरू होने की संभावना है। इन परियोजनाओं की फंडिंग सार्वजनिक–निजी साझेदारी के तहत की जाएगी। इस परियोजना को लागू कराने के लिए डीएमआईसीडीसी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौते पत्र पर हस्ताक्षर कराने की कवायद में लगा है।