छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के बाद करीब 5 लाख कर्मचारियों को बकाया राशि के भुगतान को पाटने के लिए मध्य प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के बजट आबंटन में कटौती करने पर विचार कर रही है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हुई बातचीत में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया, ‘हम लोग कर्मचारी संघों और उनके नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही इस दिशा में सौहार्दपूर्ण नतीजे निकलने की संभावना है।’
मुख्यमंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि, ‘छठे वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा है। मंदी भी कर संग्रहण को प्रभावित कर रही है और राजस्व की उगाही बजटीय उम्मीदों से उलट है।’
राज्य सरकार ने करीब 750 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को भी बेचने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बोली आमंत्रित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने बताया, ‘प्रतिभूतियों की बिक्री की यह नियमित प्रक्रिया है।’
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘राज्य के वित्त विभाग ने अपने विभाग के विभिन्न शीर्षों के अंतर्गत बजट आबंटन में 10 फीसदी से अधिक की कटौती की है।’ राज्य की वास्तविक राजस्व प्राप्तियां 29840.41 रुपये (2007-08) थी जबकि 2008-09 में इसे 34403.78 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है।
राज्य पर बाजार ऋण 14866.73 करोड़ रुपये, नाबार्ड ऋण 2114.26 करोड़ रुपये, लघु बचत ऋण 14594.10 करोड़ रुपये, केंद्र सरकार ऋण 8022.12 करोड़ रुपये और एलआईसी, जीआईसी और एनसीडीसी ऋण करीब 4000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।