नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौता
दरभंगा (भारत) और जनकपुर (नेपाल) के बीच की दूरी मुश्किल से 80 किलोमीटर है। नेपाल में जेनरेशन-ज़ी (जेनज़ी) के नेतृत्व में काफी उथल-पुथल दिखी, मगर दरभंगा में उसकी छवि बेहद धुंधली है। ध्यान देने की बात यह है कि जिन घटनाओं का नेपाल के कई राजनेताओं और उनकी पार्टियों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है, उनका […]
आगे पढ़े
Editorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिए
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माताओं द्वारा ‘ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन’ (ओआरएस) शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का परामर्श बहुत पहले आ जाना चाहिए था। बाल रोग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा आठ साल से चलाए जा रहे अभियान का नतीजा यह परामर्श है कि उत्पादों […]
आगे पढ़े
नियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगा
देश में शक्तियों के बंटवारे की बहस पारंपरिक रूप से संवैधानिक ढांचे के भीतर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर केंद्रित रहती है। बहरहाल आज कहीं अधिक बड़ी चुनौती इस शास्त्रीय त्रयी से इतर नियामकीय संस्थाओं में निहित है। नियामक अपने-अपने क्षेत्र में छोटे स्वयंभू राज्यों की तरह काम करते हैं और इस दौरान वे एक […]
आगे पढ़े
Editorial: भारतीय वित्तीय क्षेत्र में बढ़ी विदेशी कंपनियों की दिलचस्पी
देश के वित्तीय क्षेत्र में विदेशी कंपनियों की अभिरुचि महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ रही है। उदाहरण के लिए गत सप्ताह संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी एनबीडी पीजेएससी ने मझोले आकार के निजी बैंक आरबीएल बैंक में 26,850 करोड़ रुपये यानी करीब 3 अरब डॉलर के निवेश का समझौता किया। इसके जरिये वह बैंक में 60 […]
आगे पढ़े