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लेखक : अजय छिब्बर

आज का अखबार, लेख

भारत और अमेरिका के लिए दांव बहुत बड़े, एक लाभदायक व्यापार समझौते की जरूरत

स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ‘दुनिया एक व्यायामशाला है जहां हम स्वयं को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।’ परंतु डॉनल्ड ट्रंप की मनमानी शुल्क दरों के बीच विश्व व्यापार व्यवस्था व्यायामशाला के बजाय कुश्ती का अखाड़ा बनती दिख रही है। ट्रंप ने हर देश के साथ अलग से बातचीत करके व्यापार समझौते करने की […]

आज का अखबार, लेख

इस ‘दिलचस्प समय में’ भारत के लिए है बड़ा अवसर

डॉनल्ड ट्रंप के कदमों ने विश्व अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है। उन्होंने हर प्रकार के आयात पर 10 फीसदी बुनियादी टैरिफ लागू कर दिया और स्टील, एल्युमीनियम, वाहनों और वाहन कलपुर्जों पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही। उन्होंने बेतुके ढंग से जवाबी शुल्क लगाने की बात कही, हालांकि फिर उसके […]

आज का अखबार, लेख

न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का आ गया है समय

डॉनल्ड ट्रंप के कदमों से दुनिया भर में अनिश्चितता फैल गई है और बराबरी के शुल्क की धमकी देकर उन्होंने भारत की शुल्क व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। ऐसे में लालफीताशाही, भ्रष्टाचार और अफसरशाही कम कर प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने का वक्त आ गया है। बजट में उल्लिखित विनियमन के अलावा भारत को सरकार का […]

आज का अखबार, लेख

डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में विघटन का दौर

विश्व व्यवस्था आज जिस दौर से गुजर रही है उसे मैं ‘विशाल विघटन’ के रूप में परिभाषित करना चाहूंगा। वर्ष 2008-2009 के वैश्विक वित्तीय संकट को ‘ विशाल अपस्फीति’ कहा गया था। 2020 की महामारी को ‘विशाल लॉकडाउन’ का नाम दिया गया था। इन घटनाओं ने बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रभाव डाला लेकिन विश्व व्यवस्था […]

आज का अखबार, लेख

कर कटौती स्वागत योग्य मगर पर्याप्त है क्या?

पिछले तीन-चार साल में सार्वजनिक व्यय पर बहुत ज्यादा जोर देने के बाद सरकार ने खपत और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आय कर कटौती की मदद लेने का निश्चय किया है। पूंजीगत व्यय अब भी ज्यादा है मगर उसमें ठहराव आया है। बजट में जो पूंजीगत व्यय बताया गया है उसका काफी हिस्सा […]

आज का अखबार, लेख

भारत के सामने 2025 में है अनिश्चितता भरी दुनिया

भारत के लिए 2025 की शुरुआत कुछ दुख भरी रही क्योंकि पिछले साल के अंत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया। सिंह वह व्यक्ति थे जिन्होंने 1991 में आर्थिक सुधारों की शुरुआत कर देश को तेज वृद्धि की राह पर ले जाने में मदद की। इस समय अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ रही […]

आज का अखबार, लेख

भारतवंशी अमेरिकियों की मजबूत स्थिति

स्टैनफर्ड विश्वविद्यालय में 2022 में टाटा के सह प्रायोजन वाले एक इंडिया कॉन्फ्रेंस में अमेरिका की पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोंडोलीजा राइस ने सन 2000 के राष्ट्रपति चुनाव (उस समय जॉर्ज डब्ल्यू बुश राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे थे) की एक चकित करने वाली कहानी सुनाई। राष्ट्रपति के उम्मीदवार यानी बुश जूनियर को जब उन्होंने और […]

आज का अखबार, लेख

मध्य आय का जाल और भारत का हाल

भारत को विकसित देश बनना है और दूसरों के लिए बेहतर राह निर्धारित करनी है तो उसे पांच अहम सुधार करने होंगे। बता रहे हैं अजय छिब्बर विश्व बैंक (World Bank) की हालिया विश्व विकास रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 108 देश इस समय मध्य आय के जाल में फंसे हुए हैं। उसके मुताबिक ये वे […]

आज का अखबार, लेख

ट्रंप और हैरिस की नीतियों में होंगे अहम फर्क, अमेरिकी चुनावों का भारत पर कैसे हो सकता है असर?

अमेरिका में 5 नवंबर तक नया राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा और चुनाव परिणाम का अमेरिका ही नहीं भारत समेत पूरी दुनिया पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। कमला हैरिस जीतीं तो वह कई नए रिकॉर्ड बनाएंगी – इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली वह पहली अश्वेत महिला होंगी और अमेरिका की राष्ट्रपति बनने वाली भारतीय मूल की […]

आज का अखबार, लेख

आधुनिक भारत के लिए प्रशासनिक सुधार जरूरी, क्या मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल में उठाएगी कदम?

अफसरशाही यानी ब्यूरोक्रेसी में बड़े पदों पर निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों की सीधी नियुक्ति (लैटरल अपॉइंटमेंट्स) पर छिड़ी बहस के बीच एक बड़े मसले की अनदेखी हो गई है। यह मसला है आर्थिक सुधारों के साथ बड़े प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता। ई-सेवाओं में काफी इजाफा होने के बाद भी कारोबारियों और नागरिकों के लिए भारतीय […]

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