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लेखक : अजय छिब्बर

आज का अखबार, लेख

रिजर्व बैंक ने किया सराहनीय प्रदर्शन

महामारी के बाद देश आर्थिक सुधार की प्रक्रिया से गुजर रहा है और वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद के 7.5 फीसदी से अधिक होने की उम्मीद है। पहले इसके छह से 6.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 23 में सात फीसदी और वित्त वर्ष 22 में […]

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Electoral Bonds: पारदर्शिता के लिए अदालती फैसले का स्वागत है

चुनावी बॉन्ड को रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है। चुनावी बॉन्ड को 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले साल 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू किया था। इसने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को, जिसे पहले रिश्वत के रूप में दिया जाता था, वैध और कानूनी बना दिया। […]

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भारत की विकास यात्रा में सेवा और विनिर्माण दोनों ही आवश्यक

अधिकांश विकसित देशों और बाद में विकसित हुए देशों मसलन कोरिया और चीन तथा वर्तमान में वियतनाम आदि ने जिस ढांचागत बदलाव का अनुसरण किया उसमें उन्होंने पहले औद्योगीकरण को अपनाया और उसके बाद सेवा क्षेत्र का विकास किया और करोड़ों लोगों को कृषि क्षेत्र से बाहर निकाला। भारत की बात करें तो यह ढांचागत […]

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अंतरिम बजट में नहीं किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद

भारत की अर्थव्यवस्था महामारी से अपेक्षाकृत बेहतर तरीके से उबरने में कामयाब रही। हमारी सक्षम राजकोषीय नीति ने इसमें अहम भूमिका निभाई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि 1 फरवरी को सरकार अंतरिम बजट यानी लेखा अनुदान पेश करेगी और वास्तविक बजट जुलाई 2024 में नई सरकार बनने के बाद पेश […]

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Opinion: गंगा के मैदान होंगे नए भारत की पहचान

इंडिया जो कि भारत है, 2047 तक एक विकसित देश बन पाएगा या नहीं यह केवल इस बात पर निर्भर नहीं है कि बेंगलूरु, चेन्नई, मुंबई और हैदराबाद जैसे देश के सबसे विकसित शहरों में या गुजरात अथवा दिल्ली में क्या होता है। यह सही है कि ये शहर और राज्य देश को आगे ले […]

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सात फीसदी से अधिक वृद्धि का लक्ष्य

भारत अभी भी दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश नहीं है लेकिन अगर उद्यमियों की कारोबारी भावना जोर पकड़ती है तो हम उस स्थिति में पहुंच सकते हैं। बता रहे हैं अजय छिब्बर भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि के बारे में अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में यह करीब […]

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रिसर्च सेक्टर में निवेश की संरचनात्मक जटिलताएं

वैश्विक स्तर पर शोध के लिए जीडीपी (GDP) के हिस्से के रूप में भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का बजट उच्चतम स्तर पर है लेकिन इस लिहाज से निजी क्षेत्र बहुत पीछे है। बता रहे हैं अजय छिब्बर भारत ने अपेक्षाकृत कम बजट में चंद्रमा पर पहुंचने के अभियान में सफलता पाई और यह ऐसा करने […]

आज का अखबार, लेख

चुनावी साल का बजट और राजकोषीय सुदृढ़ीकरण

इस समय जब देश का ध्यान भारत के चांद पर पहुंचने और जी20 शिखर बैठक पर केंद्रित है, तो एक बात पर समुचित तवज्जो नहीं गई और वह यह कि बीते 18 महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक को वृहद आर्थिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए काफी कवायद करनी पड़ी। वर्ष 2022 के आरंभ से भारत […]

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भारत के लिए असाधारण सफलताओं का वर्ष 2023

जी20 और चंद्रयान अभियान की कामयाबी के बाद देश को आगे अहम सुधार की जरूरत है ताकि 2047 तक हम विकसित देश बन सकें। बता रहे हैं अजय छिब्बर हम कह सकते हैं कि 2023 ऐसा वर्ष रहा जब भारत वैश्विक मंच पर उभरकर सामने आया। वह दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश और […]

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गरीबी में आई कमी किंतु लड़ाई जारी

हमने हाल ही में आजादी की 76वीं वर्षगांठ मनाई और इसी दौरान सामने आए 2019-21 के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमडीपीआई) के आंकड़ों ने मुझे दो वजहों से प्रसन्न भी किया। पहली वजह यह कि आंकड़ों ने दिखाया कि 2005-06 और 2019-20 के बीच गरीबों की तादाद में 41.5 करोड़ की कमी आई है। दूसरी वजह […]

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