मुंबई के एक बड़े सरकारी बैंक की शाखा प्रबंधक 34 वर्षीय मीनू (बदला हुआ नाम) ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। जिस दिन वह कार्यमुक्त हुईं, उस दिन वह जल्दी घर जा सकती थी। लेकिन उस दिन भी वह रात का खाना जल्दी नहीं खा सकीं क्योंकि उनके बैंकर पति भी रात 10 बजे के बाद घर आए।
लेकिन इस हफ्ते से, उनकी और उनकी चार साल की बेटी जिया के लिए स्थिति थोड़ी बदलेगी क्योंकि मीनू अब एक ऐसे बैंक से जुड़ रही हैं जहां काम के समय में काफी लचीलापन है।
पिछले हफ्ते उन्होंने अपनी सहेलियों के साथ महिला दिवस मनाते समय मुझे अपनी 2023 की डायरी के कुछ पन्ने साझा किए जिसे मैं वैसे ही लिख रहा हूं क्योंकि मैं उनकी कहानी दोबारा नहीं लिखना चाहता।
रविवारः पिछले चार हफ्ते से मुझे रविवार को ऑफिस जाना पड़ रहा है क्योंकि बैंक शाखा की वार्षिक आंतरिक ऑडिट चल रहा था। कर्मचारियों के स्थानांतरण और इस्तीफे के चलते कई काम अटके पड़े हैं।
आज मेरा ‘मी टाइम’ है। मैंने पार्लर एक स्लॉट बुक किया है। मैं जिया के साथ शॉपिंग करूंगी जो सोचती है कि मैं ‘दुनिया की सबसे खराब मम्मी’ हूं। लेकिन नाश्ता बनाते वक्त कॉल आ गई और मुझे कुछ बैंक के काम से ‘खुश’ ग्राहकों को चुनने का निर्देश दिया गया जो ईडी को अच्छी प्रतिक्रिया दे सकें। मैं ब्यूटी पार्लर नहीं जा सकी। मैं जिया के साथ उसे साइकिल दिलाने के लिए मॉल भी नहीं गई।
मैंने लैपटॉप खोला और ग्राहकों की सूची को नीचे स्क्रॉल करना शुरू किया। अब दोपहर के 1 बजे का समय है। मैं अपनी सास को उनकी पसंदीदा कोंकणी स्टाइल वाली मछली करी नहीं बनाकर खिला पाई जिसका मैंने वादा किया था। मेरी सास मुझ पर तंज कसते हुए कहती हैं, ‘ऐसा लगता है कि तुम अकेले ही अपना बैंक चला रही हो।’
शाम होते-होते दो ग्राहकों ने पुष्टि कर दी कि वे बैंक शाखा में उपलब्ध रहेंगे। क्या ईडी वापसी की फ्लाइट लेने से पहले दोनों ग्राहकों से मिल लेंगे?
सोमवार: घर से निकलने से पहले, मेरे मोबाइल पर एक मेसेज आया, ‘बैंक के सर्कुलर के मुताबिक कर्मचारियों को 31 मार्च तक कोई छुट्टी नहीं लेना होगा।’ मैंने सुबह 9 बजे बैंक शाखा में पहुंच कर देखा कि एक युवती मेरे केबिन के बाहर शांत बैठी हुई है। केबिन के अंदर आते ही वह रोने लगी।
अद्वैता हाल में मातृत्व अवकाश पूरा कर वापस आई है और उसने क्षेत्रीय कार्यालय में पोस्टिंग के लिए अनुरोध किया था जहां क्रेच की सुविधा है। लेकिन वहां कोई पद खाली नहीं था इसलिए उसे बैंक शाखा में काम करना पड़ रहा है। अगले कुछ मिनट बाद ही अचानक क्षेत्रीय प्रमुख ने कहा, ‘मैडम, आप कुछ नहीं कर रही हैं। मैं जल्द ही आपका ट्रांसफर कर दूंगा।’ मैंने उनकी बात सुनी, यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी।
मंगलवार: सुबह की बैठक में क्षेत्रीय प्रमुख ने हमें सभी ऋण खाते की जांच करने और एक अनुपालन प्रमाणपत्र जमा करने का निर्देश दिया। मेरी शाखा में 163 खाते हैं। मुझे दिन के अंत तक अनुपालन प्रमाणपत्र जारी करना होगा। इसके बाद ऋण निगरानी विभाग की बैठक हुई। शाम के 4.30 बज चुके थे लेकिन कंधे के दर्द की वजह से पूरा काम नहीं कर पाई। मैंने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक कर लिया और क्षेत्रीय प्रमुख को इसकी सूचना दी।
लेकिन वह ‘कामों की सूची’ गिनाने लगे। उन्होंने कहना शुरू किया कि सोने के ऋण अभियान की अवधि के दौरान हमारी शाखा ने कोई कारोबार नहीं किया, बचत खाते कम खुल रहे हैं और पिछले महीने सात लक्षित पीओएस मशीनों के मुकाबले केवल दो पीओएस मशीनें बेची गईं। उन्होंने कहा, ‘आप हर हफ्ते दो आवास ऋण दें और इस महीने एक एमएसएमई ऋण की मंजूरी दें।’
मैं शाम 6.30 बजे ऑफिस से निकली लेकिन हड्डियों और जोड़ों के डॉक्टर के क्लिनिक में अपनी बारी का इंतजार करते हुए मैं जूम पर एक और समीक्षा बैठक में शामिल हुई। घर पहुंचने के बाद रात 8.30 बजे के करीब एक सहकर्मी का फोन आया।
बुधवार: आज डेटा मैनेजमेंट लॉगिन और आंतरिक ऑडिट का पहला दिन था। अद्वैता छुट्टी पर थीं क्योंकि उसके बच्चे की तबीयत खराब थी। हमें पहले ही 450 जमा खातों और 117 ऋण खाते के डेटा को दुरुस्त करने के लिए पांच ईमेल मिल चुके थे। इस काम को दो दिनों के अंदर पूरा करना था।
मुझे जिया की क्लास टीचर का फोन आया। उसने क्लास में उल्टी कर दी थी। मैं तुरंत उसके स्कूल गई और फिर उसे पास के अस्पताल लेकर गई। क्या स्कूल वाले मेरे पति को फोन नहीं कर सकते थे? शाम को घर पर, जब मैं डिजिटल ऋण विभाग में बात कर रही थी तब मैंने पति का उदास चेहरा देखा। उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन मुझमें खुद ही ग्लानि महसूस हुई।
गुरुवार: पांच प्रमुख ग्राहकों से नया कारोबार लाने की बात की गई। यह भी बताया गया कि बीमा और म्युचुअल फंडों की बिक्री का आंकड़ा बेहद खराब था। मुझे फिर से फटकार सुननी पड़ी।
इस बीच, ऑडिटर ने बताया कि कई ऋण खातों का नियमित निरीक्षण लंबित है। मैंने कर्मचारियों को निगरानी के लिए खाते आवंटित कर दिए। क्लर्क इससे खुश नहीं थे, लेकिन मैं उनसे बात नहीं कर पाई क्योंकि मुझे लंबित लॉकर एग्रीमेंट के नवीनीकरण पर एक बैठक में हिस्सा लेना था।
जब मैं शाम 8:30 बजे घर निकलने वाली थी तो मुझे कई रिपोर्टों की एक सूची दी गई जिसे अगले दिन जमा करना था। घर पर मेरे पति जिया को गोद में लिए हुए थे और उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं इस्तीफा दे दूं और वे बाकी चीजें संभाल लेंगे।
मैं सोच रही थी कि इस नौकरी के बिना मेरी पहचान क्या होगी? यह सब कब तक चल सकता है? मैं अपना सपना कैसे पूरा करूंगी?
शुक्रवार: मुझे जोनल कार्यालय का एक पत्र मिला। इसमें एक एनपीए खाते का स्पष्टीकरण मांगा गया जिसे मैंने नागपुर में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी थी। एक हफ्ते के भीतर मुझे इसका जवाब देना होगा। मैंने रात का खाना भी नहीं खाया और सोने चली गई।
शनिवार: महीने के दूसरे शनिवार, मैं समय पर जिया के स्कूल में मीटिंग के लिए पहुंची। उसकी क्लास टीचर ने मुझसे कहा कि उसका ध्यान कम हो रहा है।