उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती है
शुल्क वृद्धि की चुनौती से निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए? यह दिक्कत कहीं अधिक गहरी समस्या के संकेतों को रेखांकित करती है: हमारे खेत और हमारी कंपनियां पर्याप्त उत्पादक नहीं हैं और कारोबार की लागत भी इतनी कम नहीं है जो वैश्विक बाजारों के लिए उपयुक्त हो। इस समस्या को हल करने से […]
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Editorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकता
देश की राजधानी नई दिल्ली, मिलेनियम सिटी गुरुग्राम, वित्तीय राजधानी मुंबई, सिलिकन सिटी बेंगलूरु और उभरते औद्योगिक केंद्र चेन्नई में एक बात साझा है। बीते दशक में हर मॉनसून में देश के ये महानगर जो अहम औद्योगिक गतिविधियों के केंद्र भी हैं, पूरी तरह ठप हो जाते हैं। हाल में आई बाढ़ में राष्ट्रीय राजधानी […]
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कॉरपोरेट जगत को नहीं बनाया जाना चाहिए निशाना, भरोसा ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा
भारतीय कारोबारी जगत ने कई नाकामियों का सामना किया है, इसके बावजूद एक बात जो नहीं होनी चाहिए वह है राजनीतिक दलों या बुद्धिजीवियों द्वारा उन पर कीचड़ उछालना या उन्हें गलत ठहराना। जब बड़े राजनेता उन पर हमला करते हैं (इस समय राहुल गांधी और अतीत में अरविंद केजरीवाल ऐसा कर चुके हैं) तो […]
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मॉनिटरी ट्रांसमिशन का नया तरीका: उधारी में सफलता का रोडमैप
विभिन्न परिपक्वता अवधि वाले सभी बॉन्ड (सरकारी प्रतिभूतियां, राज्य विकास ऋण और कॉरपोरेट बॉन्ड) पर यील्ड बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ, सरकारी प्रतिभूतियों और एसडीएल एवं कॉरपोरेट बॉन्ड के बीच यील्ड का अंतर (स्प्रेड) भी बढ़ता जा रहा है।खबरों के अनुसार पिछले सप्ताह कम से कम दो कंपनियों आवासीय एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड […]
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