facebookmetapixel
US टैरिफ से मुश्किल में इंडियन ऑटो पार्ट्स, मारुति सुजूकी MD ने बताई राह3, 5, 8 या 10 साल: SIP से कितने साल में मिलता है सबसे ज्यादा रिटर्न, 15 साल के चार्ट से समझेंफेविकोल बनाने वाली कंपनी का शेयर पकड़ेगा रफ्तार! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लें, दिखा सकता है 23% का तगड़ा उछालइंजीनियरिंग बदलावों से अटक रहा नए वाहनों का लॉन्च, भारत चीन से पिछड़ रहाUrban Company IPO को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 103 गुना से ज्यादा हुआ सब्सक्राइबअगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांग

Editorial: हिमाचल की बिगड़ती वित्तीय स्थिति, चेतावनी के संकेत

अरुणाचल प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश दूसरा सबसे अधिक प्रति व्यक्ति ऋण वाला राज्य है और उसके प्रत्येक नागरिक पर 1.17 लाख रुपये का कर्ज है।

Last Updated- September 08, 2024 | 9:45 PM IST
DA hike

हिमाचल प्रदेश ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहा है जिसमें न केवल राज्य की खस्ता वित्तीय स्थिति उजागर हुई है बल्कि उसने कांग्रेस शासित राज्य सरकार और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक घमासान को भी जन्म दे दिया है। राज्य की आर्थिक मुश्किलों के लिए मोटे तौर पर भारी उधारी, पेंशन में इजाफे और वेतन बजट, मुफ्त उपहारों और अपर्याप्त राजस्व को जिम्मेदार माना जा सकता है।

अरुणाचल प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश दूसरा सबसे अधिक प्रति व्यक्ति ऋण वाला राज्य है और उसके प्रत्येक नागरिक पर 1.17 लाख रुपये का कर्ज है। राज्य का बकाया कर्ज 2021-22 के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 37 फीसदी से बढ़कर 2024-25 में 42.5 फीसदी हो गया।

राजकोषीय घाटा 2021-22 के जीडीपी के 4.05 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 6.4 फीसदी हो गया। यहां तक कि 2023-24 में भी राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमानों के मुताबिक 5.9 फीसदी रहा जो बजट अनुमान से 1.3 फीसदी अधिक था। संशोधित अनुमान में राजस्व घाटा भी 2.6 फीसदी के बढ़े हुए स्तर पर था।

बजट अनुमान में इसके 2.2 फीसदी रहने की बात कही गई थी। राज्य के कुल व्यय में उसके राजस्व व्यय की हिस्सेदारी के मामले में भी हिमाचल बहुत आगे है जहां यह 90 फीसदी के करीब है। खबर है कि राज्य सरकार कुछ सब्सिडी योजनाओं मसलन होटलों के लिए रियायती बिजली, ग्रामीण इलाकों में नि:शुल्क पानी और महिलाओं के लिए रियायती बस टिकट जैसी सुविधाओं को समाप्त कर रही है ताकि वित्तीय स्थिति में सुधार किया जा सके।

भारतीय रिजर्व बैंक की राज्यों की वित्तीय स्थिति संबंधी रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न राज्य अपने कुल व्यय के केवल 58 फीसदी हिस्से की भरपाई ही अपने स्रोतों से कर पाते हैं। इससे संकेत मिलता है कि राजकोषीय क्षमता में सुधार की जरूरत है। हाल के अध्ययन यह भी बताते हैं कि राज्यों की वित्तीय स्थिति में महामारी ने कम असर डाला और हालिया वर्षों में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में उल्लेखनीय सुधार के बावजूद कुछ राज्यों को राजकोषीय पुनर्गठन की आवश्यकता पड़ी।

उदाहरण के लिए राजकोषीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन समीक्षा समिति ने 2018 में अनुशंसा की थी कि राज्यों का कर्ज जीएसडीपी के 20 फीसदी के करीब होना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि 2023-24 में 12 राज्यों का जीएसडीपी 35 फीसदी से अधिक था जबकि 24 राज्यों का 20 फीसदी से अधिक।

चुनावी लाभ के लिए सब्सिडी का इस्तेमाल भी राज्यों के बढ़ते कर्ज की एक वजह है। अल्पावधि में यह शायद उनकी उधारी क्षमता को प्रभावित नहीं करे क्योंकि बाजार राज्यों के बीच राजकोषीय क्षमता के कारण अंतर नहीं करता क्योंकि कहीं न कहीं केंद्र के दखल और मदद की संभावना रहती है।

बहरहाल, कुछ राज्यों में कर्ज का निरंतर अधिक होना जोखिम पैदा करेगा। निरंतर उच्च ऋण ब्याज का बोझ बढ़ाता रहेगा और अधिक व्यय प्रतिबद्धता के साथ राज्यों के लिए विकास कार्य करना मुश्किल होगा। ऐसे में यह महत्त्वपूर्ण है कि व्यय को युक्तिसंगत बनाते हुए राज्यों के बजट को संतुलित किया जाए।

हिमाचल प्रदेश समेत कुछ राज्यों ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया। इससे उनकी वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ेगा। इस कदम से बचा जा सकता था। उच्च आम सरकारी ऋण और घाटे को देखते हुए भारत में वित्तीय स्थिति को लेकर व्यापक बहस की आवश्यकता है। लोकलुभावनवाद की होड़ देश की दीर्घकालिक संभावनाओं पर असर डाल सकती है।

First Published - September 8, 2024 | 9:45 PM IST

संबंधित पोस्ट