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छोटे शेयरों से बड़ी कमाई की कहानी

शेयर बाजार में बीते एक दशक में सबसे अ​​धिक लाभदायक शेयरों से मिलने वाले सबक के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं देवा​शिष बसु

Last Updated- January 18, 2023 | 10:15 PM IST
Big earning story from small stocks
इलस्ट्रेशन- अजय मोहंती

शेयरों में निवेश करने वाले लोगों के लिए सावधानी से चुने गए कुछ शेयर समृद्धि की राह खोल सकते हैं। बैंक जहां सालाना 6-7 फीसदी ब्याज दे रहे हैं, वहीं कुछ शेयर ऐसे हैं जो हर कुछ वर्ष में 100 फीसदी या उससे अधिक बढ़ जाते हैं। बीते 10 वर्षों से अधिक समय में कुछ शेयरों की कीमत कई गुना बढ़ चुकी है।

अगर पिछले एक दशक यानी 2013 से 2022 के बीच सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा मूल्य निर्माण के आंकड़ों पर नजर डालें तो नकदीकरण और कारोबार की आवृत्ति जैसे कुछ मानक लागू करने के बाद निम्नलि​खित 10 कंपनियां सबसे अ​धिक मूल्य निर्माण वाली कंपनियों के रूप में सामने आई हैं: तानला प्लेटफॉर्म्स, पौषक, ​शिवालिक बाइमेटल कंट्रोल्स, वि​धि स्पे​शियलिटी फूड इंग्रीडिएंट्स, एल्काइल एमाइंस केमिकल्स, केईआई इंडस्ट्रीज, एचएलई ग्लासकोट, फिनोटेक्स केमिकल, टाटा एलेक्सी और उनो मिंडा। इन कंपनियों का प्रदर्शन कितना बेहतर रहा?

वर्ष 2013 के 5.12 रुपये के समायोजित मूल्य से तानला प्लेटफॉर्म्स 2022 में 946 रुपये के औसत मूल्य पर पहुंच गई जो 189 गुना है। पौषक के शेयरों की कीमत 130 गुना बढ़ी। ​शिवालिक बाइमेटल के शेयर गत एक दशक में 126 गुना बढ़े। आ​खिर क्या वजह है कि कुछ कंपनियों के शेयर इतनी तेजी से ऊपर चढ़े जबकि अच्छी-अच्छी भारतीय कंपनियां बमु​श्किल दो अंकों में ही वृद्धि दर्ज कर पाईं। हम बीते 16 वर्षों से हर साल इन आंकड़ों को जुटा रहे हैं। हमारा पर्यवेक्षण इस प्रकार है:

मूल्यांकन की शुरुआत: यह बहुत महत्त्वपूर्ण कारक है। जिन शेयरों ने शेयरधारकों को इतना अ​धिक मूल्य तैयार करके दिया है वे 2013 में अत्य​धिक कम मूल्यांकन पर उपलब्ध थे, आं​शिक तौर पर ऐसा इसलिए हुआ कि शेयर बाजार में उथलपुथल थी। केईआई इंडस्ट्रीज का कीमत-आय अनुपात 4 का था। पौषक का कीमत-आय अनुपात 2.8 था। एल्काइल एमाइंस का कीमत-आय अनुपात 6 था। वि​धि ​स्पे​शियलिटी के मामले में यह 3 और फिनोटेक्स केमिकल में 4 था। बहुत कम मूल्यांकन भी असाधारण संप​त्ति निर्माण की बुनियाद है।

मुनाफे में जबरदस्त तेजी: इन सभी कंपनियों ने किसी न किसी मोड़ पर जबरदस्त तेजी पकड़ी। ​शिवालिक का शुद्ध मुनाफा 2017 से 2020 तक चार वर्षों में 7.9 करोड़ रुपये था लेकिन 2021 में वह बढ़कर 19 करोड़ रुपये और उसके अगले वर्ष 26 करोड़ रुपये हो गया। फिनोटेक्स केमिकल्स का शुद्ध मुनाफा 2015 के 16 करोड़ रुपये से बढ़कर 2016 में 28 करोड़ रुपये हो गया और इसके बाद मार्च 2021 तक इसमें हर वर्ष सुधार होता रहा। उसके बाद आगामी वर्षों में यह क्रमश: 20 फीसदी और 75 फीसदी बढ़ा और कंपनी इन दो वर्षों में हासिल उच्च मुनाफे की बदौलत शीर्ष लाभ कमाने वाली कंपनियों में शामिल हो गई।

एल्काइल एमाइंस जो शोध एवं विकास पर केंद्रित एक वि​शिष्ट रसायन निर्माता कंपनी है, उसने मार्च 2014 और 2017 के बीच 85 से 95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। मार्च 2018 में कंपनी का मुनाफा बढ़कर 118 करोड़ रुपये हो गया लेकिन आने वाले दिनों की तुलना में यह कुछ भी नहीं था। अगले वर्ष मुनाफा बढ़कर 39 फीसदी, मार्च 2020 में 56 फीसदी और उसके बाद वाले वर्ष में 67 फीसदी बढ़ गया। शेयर कीमतों में भी स्वाभाविक रूप से तेजी आई।

उनो मिंडा भी 10 सबसे तेज कमाई करने वाली कंपनियों में शामिल है और उसके मुनाफे की एक दशक की समेकित सालाना वृद्धि दर (सीएजीआर) दर 34 फीसदी रही है जो जबरदस्त है। एक अन्य शीर्ष मूल्य निर्माण वाली कंपनी केईआई इंडस्ट्रीज जो बिजली के केबल और तार आदि बनाती है उसने 10 वर्ष के शुद्ध मुनाफे में 31 फीसदी सीएजीआर पेश किया और इस अव​धि में अंशधारकों का मूल्य 57 फीसदी सीएजीआर के अनुसार बढ़ा।

छोटा आकार: 2013 में इन सभी कंपनियों का आकार छोटा था। तानला का कुल कारोबार उस समय महज 117 करोड़ रुपये था। गत वर्ष यह 3,200 करोड़ रुपये से अ​धिक रहा। पौषक का कुल कारोबार एक दशक पहले महज 51 करोड़ रुपये था। ​शिवालिक बाइमेटल का कारोबार तब केवल 30 करोड़ रुपये था। अगर आप ऊंची कमाई की ओर देख रहे हैं तो आपको छोटी कंपनियों पर नजर रखनी चाहिए।

विश्लेषक उन पर नजर नहीं रखते और फंड प्रबंधक इतनी कम कारोबारी नकदी वाली कंपनियों में निवेश नहीं करते। बड़ी कंपनियां जिनके बारे में पहले ही मीडिया और सोशल मीडिया पर बात होती रहती है उनसे असाधारण लाभ हासिल होने की उम्मीद नहीं है।

समकालीन थीम: यह आवश्यक तो नहीं है लेकिन अगर ऐसा किया जाए तो मूल्यांकन को बढ़ाने में मदद मिलती है।​ ​शिवालिक बाइमेटल एक अच्छी कंपनी है लेकिन निवेश पर प्रतिफल असाधारण नहीं है। परंतु तेजी वाले क्षेत्र का हिस्सा होने के नाते निवेश की थीम ने मूल्यांकन बढ़ाने में मदद की। हकीकत तो यह है कि ​शिवालिक के मामले में कई थीम हैं।

वह प्रदर्शन संबद्ध प्रोत्साहन योजना की मदद से बिजली चालित वाहन कारोबार में प्रवेश कर रही है, चार्जिंग स्टेशन लगा रही है, बेहतर बैटरी व्यवस्था ला रही है और बैटरी भंडारण के साथ सौर ऊर्जा फार्म तैयार कर रही है। ये सभी समकालीन थीम हैं जो चर्चा में हैं। तानला मेसेजिंग, ई-कॉमर्स और ई-भुगतान में है और उसने दूरसंचार कंपनियों में बाजार की रुचि का लाभ लिया।

दूरंदेशी लाभों के साथ ही इनमें काफी गहरे सबक छिपे हुए हैं। खासतौर पर कम मूल्यांकन और उच्च मुनाफा वृद्धि के मिश्रण के साथ। परंतु इन्हें तलाशना तथा इन हालात से लाभा​न्वित होना उतना आसान नहीं जितना दिखता है। शेयरों की कीमतें बाहरी कारकों और आंतरिक वजहों दोनों से प्रभावित होती हैं।

उदाहरण के लिए अच्छी कमाई करने वाले शेयर भी बाहरी कारकों के चलते तेजी से गिर सकते हैं और इसका असर उसके प्रशंसकों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में उसके लिए हालात मु​श्किल हो सकते हैं। दूसरा दूरगामी लाभों के साथ बेहतर कारोबारी प्रदर्शन भी अपे​क्षित है लेकिन वह समय के साथ ही सामने आता है। यहां तक कि इन कंपनियों का प्रबंधन भी अक्सर इस बात को लेकर सुनि​श्चित नहीं रहता है कि भविष्य किस प्रकार सामने आएगा।

निवेशकों के लिए सबसे बेहतर यही है कि वे बेहतर वित्तीय नतीजों और अपेक्षाकृत कम मूल्यांकन के साथ जाएं और आशा करें कि उन्हें भी ऐसे असाधारण मूल्य तैयार करने वालों का साथ मिलेगा।

(लेखक मनीलाइफडॉटइन के संपादक हैं)

First Published - January 18, 2023 | 10:15 PM IST

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