Housing Finance- Women: मकान स्वामित्व के मामले में महिलाएं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। होम लेने में महिलाओं की बढ़ोतरी दर पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। हाल के वर्षों में प्रमुख भारतीय शहरों में आवासीय संपत्ति पंजीकरण में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इसके साथ हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर भी तेजी से बढ़ रहा है। बीते 6 सालों में मकानों की बिक्री में 77 फीसदी इजाफा हुआ है। इस दौरान होम लोन भी तेजी से बढ़ा है। होम लोन वितरण में एक करोड़ रुपये से अधिक होम लोन की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है। बीते एक दशक में होम लोन 6 गुना से अधिक बढ़ा है।
संपत्ति सलाहकार फर्म स्क्वायर यार्ड्स की फिनटेक वेंचर अर्बन मनी की रिपोर्ट में भारत के प्रमुख आवासीय रियल एस्टेट बाजारों में होम लोन सेगमेंट में प्रमुख बदलावों को उजागर किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 के दौरान वितरित किए गए पांच में से एक होम लोन महिला उधारकर्ता को दिया गया, जो संपत्ति के स्वामित्व में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
शीर्ष शहरों में औसत होम लोन मूल्य वित्त वर्ष 2025 में 74 लाख रुपये तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है। पुरुष उधारकर्ताओं के लिए औसत 76 लाख रुपये (सालाना बढ़ोतरी 3 फीसदी) रहा, जबकि महिलाओं के लिए यह 70 लाख रुपये रहा। लेकिन महिलाओं में बढ़ोतरी पुरुषों की तुलना में अधिक साल-दर-साल 13 फीसदी दर्ज की गई। इसी अवधि के दौरान शीर्ष शहरों में वितरित होम लोन की संख्या में साल-दर-साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसमें पुरुष उधारकर्ताओं में 10 फीसदी और महिला उधारकर्ताओं में 9 फीसदी की बढ़ोतरी शामिल थी।
वित्त वर्ष 2025 में प्रमुख शहरों में वितरित होम लोन का कुल मूल्य 15 फीसदी बढ़ा, जो प्रीमियम घरों की ओर बदलाव और संपत्ति की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी को भी दर्शाता है। वित्त वर्ष 2019 से कीमतों में औसतन 55 से 60 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वितरण मूल्य में साल-दर-साल बढ़ोतरी पुरुषों के लिए 14 फीसदी रही, जबकि महिलाओं के लिए 23 फीसदी अधिक रही।
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अर्बन मनी के डेटा से पता चलता है कि प्रमुख शहरों में पंजीकृत आवासीय लेनदेन की कुल संख्या (जैसा कि पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) द्वारा दर्ज किया गया है) वित्त वर्ष 2019 में 3.07 लाख थी, जो वित्त वर्ष 2025 में 5.44 लाख गई है। जाहिर है छह साल की अवधि में इनकी संख्या में 77 फीसदी इजाफा हुआ है।
आवासीय क्षेत्र में बढ़ोतरी का रुझान हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में भी दिखाई देता है, जो आवासीय रियल एस्टेट को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अर्बन मनी की नवीनतम रिपोर्ट, ‘हाउसिंग फाइनेंस – द क्वाइट कैटालिस्ट ड्राइविंग इंडियाज प्रॉपर्टी मार्केट’ के अनुसार प्रमुख शहरों में होम लोन की मात्रा और मूल्य दोनों में क्रमशः 10 फीसदी और 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में बेंगलुरु, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और पुणे जैसे शहरों को शामिल किया गया है। संपत्ति से जुड़े लोन (जिसमें होम लोन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लोन शामिल हैं) का वित्त वर्ष 2025 में कुल लोन वितरण में सबसे बड़ा हिस्सा 63 फीसदी दर्ज किया गया।· वित्त वर्ष 2025 में मुंबई और गुरुग्राम में सबसे अधिक औसत गृह ऋण मूल्य क्रमशः 99 लाख रुपये और 88 लाख रुपये दर्ज किए गए।
पिछले दशक में भारत के हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। अर्बन मनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 तक अनुसूचित बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा कुल वितरित बकाया होम लोन 33 लाख करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2015 में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये था। जाहिर है होम लोन में पिछले 10 वर्षों में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है। आवास लोन का न केवल तेजी से विस्तार हुआ है, बल्कि इसने समग्र लोन मार्केट में भी बड़ी हिस्सेदारी हासिल की है। एक दशक पहले, आवास का कुल बैंक लोन में लगभग 9 फीसदी हिस्सा था, जो वित्त वर्ष 2025 तक लगभग दोगुना बढ़कर 17 फीसदी हो गया।
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लोग महंगे मकान ज्यादा खरीद रहे हैं। इस वजह से कुल होम लोन में एक करोड़ रुपये से अधिक लोन की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है। अर्बन मनी की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में 1 करोड़ रुपये से अधिक के होम लोन कुल वितरित होम लोन राशि का 21 हिस्सा थे। 45 लाख रुपये से कम के होम लोन वितरित राशि का 47 फीसदी हिस्सा होंगे, जबकि 45 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच के होम लोन वितरित राशि का 32 फीसदी हिस्सा होंगे।
सीबीओ अर्बन मनी और सह-संस्थापक, स्क्वायर यार्ड्स अमित प्रकाश सिंह कहते हैं कि हमारी नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष शहरों में होम लोन की मात्रा में 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 25 में वितरित कुल मूल्य में 15 फीसदी इजाफा हुआ है। एक करोड़ रुपये से अधिक के होम लोन अब वितरित कुल लोन का 21 फीसदी हिस्सा हैं, जो प्रीमियम आवास की बढ़ती मांग को दर्शाता है। प्रत्येक 5 में से 1 होम लोन महिला उधारकर्ता को मिलने से हम स्पष्ट रूप से अधिक सशक्त और समावेशी गृह स्वामित्व की ओर बदलाव देख रहे हैं। ये सभी बदलाव देश भर में बढ़ती शहरी आकांक्षाओं, स्थिर ऋण स्थितियों और विकसित हो रहे गृह स्वामित्व के रुझान को उजागर करते हैं।