केंद्र सरकार के कर्मचारियों में से केवल 1.37 प्रतिशत ने अब तक एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प चुना है। सोमवार को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में वित्त मंत्रालय ने बताया कि 20 जुलाई, 2025 तक कुल 31,555 पात्र कर्मचारियों ने ही यह योजना अपनाई है। सरकार ने योजना के तहत अपने विकल्प चुनने की तारीख 30 जून से बढ़ाकर इसी साल सितंबर तक कर दी है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि नैशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तयशुदा भुगतान करने के लिए यूपीएस का विकल्प दिया गया है। अगस्त 2024 में सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, ‘यूपीएस को केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इससे लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा।’
लोक सभा में सोमवार को एक अलग जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा कि पात्रता मानदंड के अनुसार, यूपीएस के तहत अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए 25,756 सेवानिवृत्त कर्मचारी पात्र हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘ये पात्र ग्राहक केंद्र सरकार के वे कर्मचारी हैं, जो एनपीएस के अंतर्गत 10 साल या उससे अधिक सेवा की अनिवार्य पात्रता पूरी करने के बाद 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले सेवानिवृत्त हुए हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है या मौलिक नियम 56 (जे) के तहत सेवानिवृत्त हुए हैं।’ सीतारमण ने यह भी बताया कि बीते 20 जुलाई तक 7,253 दावे प्राप्त हुए हैं। इनमें से यूपीएस के तहत मिलने वाले लाभ के भुगतान के लिए 4,978 दावों को अंतिम रूप दिया गया है। यूपीएस योजना कर्मचारियों को एनपीएस के तहत बाजार रिटर्न से जुड़े भुगतान के मुकाबले न्यूनतम 25 वर्ष की अर्हता प्राप्त सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देती है।