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ITR फाइल तो कर दिया, लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला? जानें किन-किन वजहों से अटकता है पैसा

ई-वेरिफिकेशन की गलती, बैंक अकाउंट डिटेल्स में गड़बड़ी, फॉर्म 26AS या AIS मिसमैच और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सख्त जांच रिटर्न में देरी का बना सकता है कारण

Last Updated- September 08, 2025 | 7:34 PM IST
Income Tax
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

ITR Filing 2025: अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है, लेकिन रिफंड अब तक नहीं मिला है, तो आप अकेले नहीं हैं। हर साल बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को रिफंड पाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। हालांकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन फिर भी कई लोगों को अपना पैसा पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आपके रिफंड में देरी की वजह क्या हो सकती है।

ई-वेरिफिकेशन में कमी

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। अगर आपने रिटर्न को आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई नहीं किया है, तो रिफंड प्रक्रिया शुरू ही नहीं होगी। कई बार लोग रिटर्न फाइल तो कर देते हैं, लेकिन वेरिफिकेशन करना भूल जाते हैं। अगर आपने फिजिकल ITR-V भेजा है और वह समय पर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) बेंगलुरु नहीं पहुंचा, तो भी देरी हो सकती है।

गलत बैंक अकाउंट डिटेल्स

रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा होता है, लेकिन इसके लिए बैंक अकाउंट पहले से वेरिफाइड होना चाहिए। अगर आपका अकाउंट नंबर, IFSC कोड या नाम गलत है, तो रिफंड अटक सकता है। कई बार बैंक मर्जर के कारण IFSC कोड बदल जाता है, जिससे रिफंड फेल हो जाता है। ऐसे में आपको इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर बैंक डिटेल्स अपडेट करनी होंगी और रिफंड री-इश्यू के लिए अनुरोध करना होगा।

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फॉर्म 26AS या AIS में अंतर

आपके रिटर्न में दी गई जानकारी और फॉर्म 26AS या एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में दर्ज डेटा में अगर कोई अंतर है, तो रिफंड रुक सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने TDS या आय की गलत जानकारी दी है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे जांचेगा। यह जांच पूरी होने तक रिफंड जारी नहीं होगा। यह छोटी-सी गलती भी रिफंड में देरी का कारण बन सकती है।

डिपार्टमेंट की सख्त जांच

इस साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रक्रिया में सख्ती बढ़ा दी है। नई तकनीक और AI टूल्स की मदद से डिपार्टमेंट हर रिटर्न की बारीकी से जांच कर रहा है। अगर आपका रिटर्न संदिग्ध लगता है, जैसे कि बहुत ज्यादा रिफंड क्लेम किया गया हो या डिडक्शन में गड़बड़ी हो, तो उसे मैन्युअल जांच के लिए रोका जा सकता है। यह प्रक्रिया कई हफ्तों तक चल सकती है।

पुराना टैक्स बकाया

अगर आपके नाम पर पुराने सालों का कोई टैक्स बकाया है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके रिफंड को उस बकाए के खिलाफ एडजस्ट कर सकता है। सेक्शन 245 के तहत, डिपार्टमेंट पहले पुराने बकाए की जांच करता है और फिर रिफंड जारी करता है। आपको इसके बारे में नोटिस मिलेगा, लेकिन जब तक बकाया सेटल नहीं होता, रिफंड नहीं मिलेगा।

सिस्टम अपग्रेड और बैकलॉग

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपने पोर्टल को अपग्रेड कर रहा है, जिसके कारण कुछ तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं। इसके अलावा, जुलाई और अगस्त में भारी मात्रा में रिटर्न फाइल होने से प्रोसेसिंग में देरी हो रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस साल नए टैक्स नियमों और ITR फॉर्म में बदलाव के कारण भी रिफंड प्रक्रिया धीमी हुई है।

क्या करें अगर रिफंड अटक गया हो?

सबसे पहले इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर अपने रिफंड स्टेटस जांचें। इसके लिए आपको PAN, पासवर्ड और संबंधित असेसमेंट ईयर की जानकारी डालनी होगी। अगर रिफंड फेल हो गया है, तो बैंक डिटेल्स चेक करें और जरूरत हो तो री-इश्यू रिक्वेस्ट डालें। अगर 90 दिनों से ज्यादा देरी हो रही है, तो आप पोर्टल पर ई-निवारण के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं या CPC हेल्पलाइन (1800-103-0025 या 1800-419-0025) पर संपर्क कर सकते हैं।

नए नियमों का असर

इस साल ITR-2 और ITR-3 जैसे फॉर्म देर से जारी हुए, जिसके कारण कई टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने में देरी हुई। फाइनेंस एक्ट 2024 के तहत नए टैक्स नियम लागू किए गए हैं, जिनमें अधिक जानकारी मांगी जा रही है। इससे प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। अगर आपने रिटर्न देर से फाइल किया है, तो रिफंड में और देरी हो सकती है।

लेट हुआ तो मिलेगा ब्याज भी!

अच्छी खबर यह है कि अगर रिफंड में देरी होती है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट धारा 244A के तहत ब्याज देता है। यह ब्याज 0.5% प्रति माह के हिसाब से मिलता है, बशर्ते आपने अपनी वास्तविक टैक्स देनदारी से 110% से ज्यादा टैक्स चुकाया हो। हालांकि, यह ब्याज कर योग्य आय के तहत गिना जाता है।

सोशल मीडिया पर हलचल

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई टैक्सपेयर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि जून-जुलाई में फाइल किए गए रिटर्न का रिफंड अब तक नहीं मिला है। कई लोग इसे लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैग कर रहे हैं। डिपार्टमेंट ने कुछ मामलों में जवाब दिया है, लेकिन ज्यादातर मामलों में टैक्सपेयर्स को धैर्य रखने की सलाह दी जा रही है।

First Published - September 8, 2025 | 7:34 PM IST

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