IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग आजकल निवेशकों के बीच गजब का क्रेज है। हर कोई चाहता है कि उसे किसी अच्छे IPO में शेयर अलॉट हो जाएं और लिस्टिंग के दिन मोटा मुनाफा हो। लेकिन कई बार लोग मेहनत से अप्लाई करते हैं, फिर भी अलॉटमेंट नहीं मिलता। अब सवाल ये है कि आखिर कमी कहां रह जाती है? क्या आप भी कोई ऐसी गलती कर रहे हैं, जो आपके शेयर अलॉटमेंट की राह में रोड़ा बन रही है?
सबसे पहले ये समझ लें कि IPO अलॉटमेंट कोई आसान प्रक्रिया नहीं है। जब कोई कंपनी अपना IPO लॉन्च करती है, तो लाखों लोग उसमें अप्लाई करते हैं। लेकिन शेयरों की संख्या सीमित होती है। मिसाल के तौर पर, हाल ही में आए एथर एनर्जी IPO को देखें, जो 28 अप्रैल 2025 को खुला और 30 अप्रैल को बंद हुआ। इस IPO को 1.5 गुना सब्सक्राइब किया गया, यानी 5.11 लाख शेयरों के ऑफर के खिलाफ 7.66 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन आए। अब इतने सारे लोगों में शेयर बांटना आसान नहीं होता। ऐसे में अलॉटमेंट एक लॉटरी सिस्टम की तरह काम करता है।
अब लॉटरी सिस्टम का मतलब ये नहीं कि सब कुछ किस्मत पर छोड़ सकते हैं। कुछ गलतियां ऐसी हैं, जो आपकी अलॉटमेंट की संभावना को और कम कर देती हैं। तो चलिए, इन गलतियों को एक-एक करके समझते हैं।
सबसे आम गलती जो लोग करते हैं, वो है एक ही PAN नंबर से कई सारे आवेदन करना। ऐसा नहीं है कि ज्यादा अप्लिकेशन डालने से शेयर मिलने के चांस बढ़ जाएंगे। SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के नियम सख्त हैं। अगर आपने एक ही PAN से एक से ज्यादा अप्लिकेशन डाले, तो सारे आवेदन रिजेक्ट हो सकते हैं। IPO Mantra के फाउंडर R K ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “शेयरहोल्डर कोटा हो, तभी अलग से अप्लाई करें, वरना एक ही आवेदन काफी है।”
तो अगली बार जब IPO में अप्लाई करें, तो सिर्फ एक आवेदन करें। अगर परिवार के बाकी लोग भी अप्लाई करना चाहते हैं, तो उनके अलग-अलग PAN नंबर का इस्तेमाल करें।
ये गलती छोटी सी लगती है, लेकिन इसका नुकसान बड़ा हो सकता है। आपका PAN नंबर आपके बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट में एक ही होना चाहिए। अगर इनमें कोई मिसमैच हुआ, तो आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। IPO Mantra के फाउंडर R K ने एक पोस्ट में लिखा, “डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट में एक ही पैन हो और उसमें सबकुछ समान हो। अगर कोई अंतर दिख रहा हो तो अलॉटमेंट की उम्मीद छोड़ दे।”
इसलिए, IPO में अप्लाई करने से पहले अपने डीमैट और बैंक अकाउंट की डिटेल्स चेक कर लें। अगर कोई गड़बड़ है, तो उसे तुरंत ठीक करें।
आजकल ज्यादातर IPO अप्लिकेशन UPI के जरिए किए जाते हैं। जब आप अप्लाई करते हैं, तो आपके फोन पर एक UPI मैनडेट रिक्वेस्ट आती है, जिसे आपको अप्रूव करना होता है। लेकिन कई लोग इस रिक्वेस्ट को इग्नोर कर देते हैं या टाइम पर अप्रूव नहीं करते। नतीजा? आपका आवेदन कैंसिल हो जाता है।
IPO Mantra के फाउंडर R K ने इस बारे में लिखा, “जैसे ही आपको UPI मैनडेट की रिक्वेस्ट आए, उसे तुरंत अप्रूव करें। आमतौर पर ये रिक्वेस्ट IPO के आखिरी दिन शाम 5 बजे तक अप्रूव करनी होती है। तो फोन चेक करते रहें और समय पर एक्शन लें।”
IPO में अप्लाई करते वक्त आपको प्राइस बैंड चुनना होता है। मिसाल के तौर पर, एथर एनर्जी IPO का प्राइस बैंड ₹304 से ₹321 प्रति शेयर था। रिटेल निवेशकों के लिए कट-ऑफ प्राइस चुनना सबसे सुरक्षित ऑप्शन होता है, क्योंकि इससे आप ऊपरी प्राइस बैंड पर बिड करते हैं। लेकिन कई लोग HNI (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) कैटेगरी में कट-ऑफ चुन लेते हैं, जो गलत है।
IPO Mantra के फाउंडर R K ने लिखा कि अगर आप HNI कैटेगरी में अप्लाई कर रहे हैं, तो सटीक प्राइस बैंड चुनें। रिटेल निवेशक हैं, तो कट-ऑफ ऑप्शन ही बेस्ट है।
कई बार लोग IPO में अप्लाई तो कर देते हैं, लेकिन उनका डीमैट अकाउंट एक्टिव नहीं होता। ऐसा तब होता है, जब आपने लंबे समय से डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया या उसकी KYC पूरी नहीं की। IPO Mantra के फाउंडर R K के मुताबिक अगर आपका डीमैट अकाउंट एक्टिव नहीं है, तो शेयर क्रेडिट ही नहीं हो सकते, और आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
इसलिए, IPO में अप्लाई करने से पहले अपने डीमैट अकाउंट की स्टेटस चेक करें। अगर KYC या कोई दूसरी दिक्कत है, तो उसे पहले ठीक करें।
हर IPO का एक मिनिमम लॉट साइज होता है, यानी आपको कम से कम इतने शेयरों के लिए अप्लाई करना होता है। उदाहरण के लिए, एथर एनर्जी IPO में रिटेल निवेशकों को कम से कम 46 शेयरों का एक लॉट अप्लाई करना था। अगर आपने इससे कम या ज्यादा शेयरों के लिए अप्लाई किया, तो आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
तो IPO की डिटेल्स ध्यान से पढ़ें और सही लॉट साइज के हिसाब से अप्लाई करें। गलत लॉट साइज चुनने से आपका सारा मेहनत बेकार जा सकता है।
अब जब हमने गलतियों को समझ लिया, तो कुछ टिप्स भी जान लें, जो आपके अलॉटमेंट के चांस बढ़ा सकते हैं:
IPO अलॉटमेंट पाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन छोटी-छोटी गलतियां आपका खेल बिगाड़ सकती हैं। चाहे वो PAN मिसमैच हो, UPI मैनडेट को इग्नोर करना हो, या गलत लॉट साइज चुनना, इन सबका ध्यान रखना जरूरी है। एथर एनर्जी IPO जैसी मिसालें बताती हैं कि सही तरीके से अप्लाई करने पर भी लॉटरी सिस्टम में किस्मत का रोल होता है। लेकिन ऊपर बताई गई गलतियों से बचकर आप अपने चांस जरूर बढ़ा सकते हैं।
तो अगली बार जब IPO में अप्लाई करें, तो इन गलतियों से बचें। अपने डीमैट और बैंक डिटेल्स चेक करें, सही लॉट साइज चुनें, और UPI मैनडेट को टाइम पर अप्रूव करें।