ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन ITR-2 और ITR-3 फॉर्म्स की यूटिलिटी अब तक इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। यह फॉर्म्स उन टैक्सपेयर्स के लिए होते हैं जिनकी आमदनी सैलरी के अलावा पूंजीगत लाभ (capital gains), फ्रीलांस काम या बिजनेस से होती है। यानी आसान कैटेगरी नहीं है। ऐसे में लाखों टैक्सपेयर्स असमंजस में हैं।
CBDT ने डेडलाइन बढ़ाई, लेकिन सतर्क रहने की सलाह
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इन फॉर्म्स की फाइलिंग की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बावजूद लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
देरी की वजह क्या है?
सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर ऋतिका नैयर के मुताबिक, इस साल ITR फॉर्म्स में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
इन बदलावों के कारण बैकएंड सिस्टम को अपग्रेड करना पड़ा, यूटिलिटी को फिर से तैयार किया गया और डेटा की जांच भी करनी पड़ी।
‘1 फाइनेंस’ की न्याति शाह ने बताया कि AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) के डेटा को सिंक्रनाइज़ करने में दिक्कतें आई हैं। साथ ही, इंटरनेशनल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स और CBDT के नए सर्कुलर के अनुसार डिटेल्स में बदलाव भी किए गए हैं।
Roinet Solutions के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर माथुर ने कहा कि कैपिटल गेन, विदेशी संपत्ति और अनुमानित आय (Presumptive Income) से जुड़े नियम भी बदले हैं, जिससे यूटिलिटी और जटिल हो गई है।
ITR Filing 2025: टैक्सपेयर्स अभी क्या करें?
विशेषज्ञों का कहना है कि फॉर्म भले ही न आए हों, लेकिन टैक्सपेयर्स अभी से तैयारी शुरू करें।
ऋतिका नैयर का कहना है कि अगर आपने अपनी आमदनी का ब्योरा, छूट के प्रमाण और बिजनेस लेजर तैयार रखे तो फॉर्म रिलीज होते ही आप तुरंत रिटर्न फाइल कर पाएंगे।
क्या रिफंड और डेडलाइन पर असर पड़ेगा?
हालांकि समय सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे फाइलिंग विंडो छोटी हो गई है। नीयति शाह के अनुसार, “जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने से गलती हो सकती है और रिफंड में देरी हो सकती है।”
समीर माथुर ने यह भी चेतावनी दी कि अगर 15 सितंबर के बाद फाइलिंग की गई तो सेक्शन 234A के तहत ब्याज देना पड़ सकता है, भले ही फॉर्म देरी से जारी हुए हों।
फॉर्म रिलीज के बाद सावधानी जरूरी
ऋतिका नैयर ने कहा कि यूटिलिटी आने के बाद फॉर्म में भरी गई प्री-फिल्ड जानकारी को अच्छी तरह जांचें। AIS और TIS से डेटा मैच नहीं हुआ तो नोटिस आ सकता है।
शाह ने यह भी कहा कि पिछले साल के फॉर्म्स को देखकर अंदाजा न लगाएं, क्योंकि इस बार लॉजिक और स्कीमा में बदलाव किया गया है। ऐसे में किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेना समझदारी होगी।
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ITR फॉर्म्स में क्या बदलाव हुए हैं?
टैक्समैन के वाइस प्रेसिडेंट नवीन वाधवा के अनुसार, इस बार कई बदलाव हुए हैं जिनकी वजह से फॉर्म्स में देरी हुई: