facebookmetapixel
100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिश

CII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्ताव

सीआईआई ने सुझाव दिया कि वित्त वर्ष 2026-27 में केंद्रीय पूंजीगत व्यय में 12 प्रतिशत और राज्यों को दी जाने वाली पूंजीगत व्यय सहायता में 10 प्रतिशत वृद्धि की जाए

Last Updated- December 14, 2025 | 11:19 PM IST
Union Budget 2025-26
फाइल फोटो

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने आगामी आम बजट 2026-27 के लिए व्यापक सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक, निजी और विदेशी निवेशों को शामिल करते हुए सतत निवेश वृद्धि को बढ़ावा देना और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की गति को बनाए रखना है।

सीआईआई ने सुझाव दिया कि वित्त वर्ष 2026-27 में केंद्रीय पूंजीगत व्यय में 12 प्रतिशत और राज्यों को दी जाने वाली पूंजीगत व्यय सहायता में 10 प्रतिशत वृद्धि की जाए। 

इसके अलावा 2026-32 के लिए 150 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) 2.0 शुरू की जाए, जिन कंपनियों ने महत्त्वपूर्ण नए निवेश, उत्पादन या कर योगदान के महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं, उन्हें अतिरिक्त कर रियायतें या अनुपालन में ढील दी जाए। 

इसमें यह भी कहा गया है कि त्वरित मूल्यह्रास लाभ को पुनः लागू किया जाए ताकि नए पूंजीगत व्यय और तकनीकी उन्नयन को और अधिक प्रोत्साहन दिया जा सके, विशेषकर लघु, मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और विनिर्माण उद्योगों के लिए, बशर्ते कि यह उपाय ऐसा हो कि आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिले लेकिन न्यूनतम वैकल्पिक कर की देयता उत्पन्न न हो। 

इसके अलावा, सीआईआई ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि (एनआईआईएफ) को मजबूत करने का सुझाव दिया और इसके लिए एक संप्रभु निवेश रणनीति परिषद (एसआईएफसी) के गठन की भी सिफारिश की, ताकि निवेश राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हो सके। 

सीआईआई ने यह भी कहा कि आर्थिक चक्र आधारित सार्वजनिक ऋण ढांचे को अपनाकर वित्तीय स्थिरता को मजबूत किया जा सकता है। 

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘आगामी बजट 2026-27 को स्थिरीकरण और वृद्धि के दोनों भूमिकाओं को निभाना होगा और निवेश को बढ़ावा देना इसके सबसे महत्त्वपूर्ण घटकों में से एक होगा।’

First Published - December 14, 2025 | 11:19 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट