मौजूदा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) म्युचुअल फंडों की नकदी का बड़ा हिस्सा खींच रहे हैं। नवंबर में छह आईपीओ में म्युचुअल फंडों ने 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध इक्विटी निवेश किया।
ग्रो में सबसे अधिक निवेश हुआ और उसने करीब 4,200 करोड़ रुपये आकर्षित किए। नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार लेंसकार्ट सॉल्युशंस, पाइन लैब्स, फिजिक्स वाला, टेनेको क्लीन एयर और एमवी फोटोवोल्टेइक पावर भी महीने के दौरान म्युचुअल फंडों द्वारा सबसे अधिक खरीदे गए अग्रणी 25 शेयरों में शामिल थे। इनमें से प्रत्येक में करीब 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में म्युचुअल फंडों का शुद्ध इक्विटी निवेश लगभग 43,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। म्युचुअल फंडों की आईपीओ के प्रति बढ़ती रुचि और अन्य निवेशक वर्गों की मजबूत मांग ने रिकॉर्ड आईपीओ जारी करने में अहम भूमिका निभाई है। इस साल मुख्य प्लेटफॉर्म पर 100 से अधिक आईपीओ पेश हुए हैं जो पिछले 25 वर्षों की सबसे बड़ी संख्या है।
प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, प्राथमिक बाजार की गतिविधियां मजबूत मांग दर्शाती है, जिसकी एक वजह कफी हद तक म्युचुअल फंडों में आ रही खुदरा निवेश है। सेकंडरी बाजार में मूल्यांकन ऊंचा रहने से इस नकदी का अधिकांश हिस्सा प्राथमिक निर्गमों में चला गया है।
शेयर डॉट मार्केट के बाजार विश्लेषक ओम घवलकर ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा, आईपीओ बाजार को मजबूती घरेलू नकदी का समर्थन है। म्युचुअल फंडों में आ रहे निरंतर निवेश के कारण उनके पास पूंजी का ऐसा बड़ा कोष बन गया है जिसे वे निवेश कर सकते हैं। यह वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बावजूद नए निर्गमों के लिए मजबूत आधार का काम करता है। प्राथमिक बाजार में उपभोक्ता प्रौद्योगिकी (कंज्यूमरटेक) और नई पीढ़ी के कारोबारों की मांग विशेष रूप से मजबूत है जो हाल में आए आईपीओ का 20 फीसदी हिस्सा है।
जेपी मॉर्गन के इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के इंडिया हेड अभिनव भारती ने कहा, फिलहाल आईपीओ की 20 फीसदी मांग कंज्यूमरटेक और नई पीढ़ी के कारोबारों से आ रही है जो अगले पांच वर्षों में 30 फीसदी से अधिक हो सकती है। कम से कम 20 स्टार्टअप ऐसे हैं जिनका निजी बाजार मूल्यांकन करोड़ों डॉलर में है औऱ वे बाजार में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सेकंडरी बाजार में नवंबर में फंड मैनेजरों की खरीद में इटर्नल सबसे ऊपर रही और उन्होंने लगभग 4,500 करोड़ रुपये का निवेश करने इस फूड और ग्रोसरी डिलिवरी कंपनी में किया। आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, एम्फेसिस और एचडीएफसी बैंक शीर्ष पांच में शामिल रहे। दूसरी ओर, फंड मैनेजरों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और फार्मास्युटिकल शेयरों में अपना निवेश कम किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, केनरा बैंक, ल्यूपिन और सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज पिछले महीने सबसे ज्यादा बेचे जाने वाले शेयर थे।