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सुरंग परियोजनाओं में अब ‘जोखिम रजिस्टर’ अनिवार्य

सरकार ने सुरंग परियोजनाओं में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जोखिम रजिस्टर और जियो-टेक्निकल रिपोर्ट को अनिवार्य किया।

Last Updated- December 15, 2025 | 7:58 AM IST
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Representative Image

केंद्र सरकार ने सुरंग बनाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इसमें सुरंग परियोजनाओं की योजना के स्तर पर ही ‘जोखिम रजिस्टर’ तैयार करना शामिल है। देश में सुरंग ढहने की कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें उत्तरकाशी में 2023 में हुई घटना प्रमुख है, जिसमें 41 श्रमिकों को बचाने के लिए कई हफ़्तों तक बचाव अभियान चला था। इन घटनाओं को देखते हुए सरकार के दिशानिर्देश आए हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क सुरंगों के ढहने से बचाने और उसे कम करने के लिए अपने दिशानिर्देशों में कहा, ‘हाल के दिनों में निर्माण के दौरान सुरंगों के ढहने की घटनाओं ने इस समय की परियोजना लागू करने के तरीकों और दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए इनके गंभीर आकलन के लिए प्रेरित किया।

इसमें कहा गया है कि पहली प्राथमिकता एक सक्षम कार्यान्वयन टीम को नियुक्त करना है, जो उचित आकार की और उच्च जानकार हो, और जिसके पास समान भूवैज्ञानिक और लॉजिस्टिक परिस्थितियों में परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने का बेहतरीन रिकॉर्ड हो।

दिशानिर्देशों में कहा गया है, “विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)/परियोजना प्रबंधन परामर्शदाताओं के लिए संदर्भ की शर्तों में जियो-टेक्निकल बेसलाइन रिपोर्ट (जीबीआर) और एक जोखिम रजिस्टर तैयार करना अनिवार्य होगा। जोखिम रजिस्टर में परियोजना के लिए संभावित खतरे और संबंधित जोखिम शामिल होने चाहिए और डीपीआर अध्ययनों के आधार पर उनके आधार के लिए व्यापक स्पष्टीकरण के साथ इनसे निपटने के उपायों का संकेत दिया जाना चाहिए।’

अब से सभी निर्माण टेंडर से जुड़े जोखिम रजिस्टर और जियो टेक्निकल के अनुपालन की रिपोर्ट बोली लगाने वालों मुहैया कराए जाएंगे।  अधिकारियों का कहना है कि इससे योजना बनाने और उसे लागू करने के बीच की विसंगतियों का जोखिम कम हो जाएगा, क्योंकि हर पक्ष को एक ही जानकारी होगी और इससे भविष्य में विवादों की गुंजाइश भी कम हो जाएगी।

सरकार के मुताबिक सुरंग परियोजनाओं में यह असामान्य नहीं है कि मकसद हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में परियोजना की अवधारणा में सैद्धांतिक खामियों को भी समीक्षा में चिह्नित किया जाना चाहिए।

इसमें कहा गया है, ‘इस तरह की खामियों से पता चलता है कि सुरंग परियोजना में पहले से ही मुश्किलों की संभावना थी।’

बेसलाइन रिपोर्ट अपेक्षित प्रयासों की राह तय करने और सबसे ज्यादा प्रैक्टिकल सटीकता का लक्ष्य रखने के लिए एक संदर्भ के रूप में काम करेगी।

First Published - December 15, 2025 | 7:58 AM IST

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