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Gold prices at all-time high: सोने की कीमतों में तूफानी तेजी, टूट गए सारे रिकॉर्ड, पिछले 1 महीने में गोल्ड 10 फीसदी उछला

घरेलू बाजार में जहां बेंचमार्क कीमतें 69 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बेहद करीब पहुंच गई है, वहीं विदेशी बाजारों में सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस का लेवल तोड़ने पर आमादा है। 

Last Updated- April 01, 2024 | 7:39 PM IST
Gold Silver Price

Gold prices at all-time high : ग्लोबल मार्केट में तूफानी तेजी के बीच गोल्ड (gold) की घरेलू कीमतों में आज सोमवार यानी 1 अप्रैल को रिकॉर्ड तोड़ मजबूती  देखी जा रही है। घरेलू बाजार में जहां बेंचमार्क कीमतें 69 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बेहद करीब पहुंच गई है, वहीं विदेशी बाजारों में सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस का लेवल तोड़ने पर आमादा है।

ग्लोबल मार्केट

ग्लोबल मार्केट में आज स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,265.73 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX Jun′24) भी आज कारोबार के दौरान 2,286.40 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर देखा गया। पिछले एक महीने में वैश्विक बाजारों में गोल्ड तकरीबन 8  फीसदी मजबूत हुआ है।

घरेलू फ्यूचर मार्केट

घरेलू फ्यूचर मार्केट में सोमवार को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों ने लगातार दूसरे कारोबारी दिन रिकॉर्ड बनाया। इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क जून फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 68,926 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई (new all-time high) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र (28 मार्च) में इसने 67,850 रुपये का हाई बनाया था। पिछले एक महीने में एमसीएक्स पर गोल्ड तकरीबन 10 फीसदी मजबूत हुआ है।

घरेलू स्पॉट मार्केट

हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी आज सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज 1,712 रुपये की मजबूती के साथ 68,964 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। फरवरी महीने के अंत (29 फरवरी) में सोना 24 कैरेट (999) 62,241 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। इस तरह से पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में स्पॉट गोल्ड तकरीबन 11 फीसदी मजबूत हुआ है।

कीमतों में तेजी की वजह

सोने की कीमतों को सबसे ज्यादा सपोर्ट यूएस में ब्याज दरों में जल्द ही कटौती के अनुमानों से मिला है। यूएस में पिछले शुक्रवार को महंगाई के आंकड़ों में आई नरमी के बाद फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की जून में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद प्रबल हो गई है।  कम ब्याज दरें गोल्ड के अपॉर्चुनिटी कॉस्ट (opportunity cost) को कम कर देती हैं।

सोने (gold) की कीमतों को परवान चढ़ाने में केंद्रीय बैंकों (central banks) की खरीदारी का भी बड़ा योगदान रहा है।

जानकारों के अनुसार इन्वेस्टमेंट डिमांड में सुस्ती के बावजूद अगर गोल्ड इतना बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो इसकी बड़ी वजह केंद्रीय बैंकों खासकर चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीद है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश लगातार 9वें महीने फरवरी 2024 में घटा। जबकि केंद्रीय बैंकों के सोने के निवेश में लगातार 8वें महीने जनवरी 2024 में इजाफा हुआ।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council)  की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 के दौरान दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 39 टन सोने की खरीद की गई। दिसंबर के मुकाबले यह दोगुना से भी ज्यादा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने दिसंबर 2023 के दौरान नेट 17 टन सोना खरीदा था। पिछले कैलेंडर ईयर यानी 2023 के दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीदारी में 1,037.38 टन का इजाफा हुआ। 2022 की रिकॉर्ड खरीदारी से यह थोड़ा कम रहा। कैलेंडर ईयर 2022 में रिकॉर्ड 1,081.88 टन सोने की खरीदारी की गई थी।

गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश रफ्तार नहीं पकड़ सका है। इससे पहले जब 2020 में सोने ने रिकॉर्ड बनाया था तो कीमतों को सबसे ज्यादा सपोर्ट इन्वेस्टमेंट डिमांड यानी गोल्ड ईटीएफ से मिला था। लेकिन स्थिति फिलहाल अलग है। कीमतों में तूफानी तेजी तो है लेकिन इन्वेस्टमेंट डिमांड सुस्त पड़ी है। मार्च-मई 2023 की अवधि को निकाल दें तो अप्रैल 2022 से इन्वेस्टमेंट डिमांड लगातार नेगेटिव जोन में है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल लेवल पर लगातार 9वें महीने फरवरी 2024 के दौरान  गोल्ड ईटीएफ से निकासी (outflow) जारी रही।

फरवरी 2024 के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ से 2.9 बिलियन डॉलर (49.1 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की निकासी हुई जबकि जनवरी में 2.8 बिलियन डॉलर (50.9 टन) की निकासी की गई थी। इससे पहले दिसंबर, नवंबर, अक्टूबर, सितंबर, अगस्त, जुलाई और जून के दौरान क्रमश: 1.1 बिलियन डॉलर (9.5 टन), 0.9 बिलियन डॉलर (9.4 टन),  2.1 बिलियन डॉलर (36.5 टन), 3.2 बिलियन डॉलर (58.7 टन), 2.5 बिलियन डॉलर (45.7 टन), 2.3 बिलियन डॉलर (34.7 टन) और 3.7 बिलियन डॉलर (55.9 टन) की निकासी की गई थी। इससे पहले मई 2023 में गोल्ड ईटीएफ में 1.7 बिलियन डॉलर (19.3 टन सोने) का शुद्ध निवेश (inflow) हुआ था। मार्च और अप्रैल में भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्रमश: 1.9 बिलियन (32.1 टन) और 0.8 बिलियन डॉलर (15.4 टन) बढ़ा था। हालांकि इससे पहले अप्रैल 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक लगातार 11 महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटा था।

ग्लोबल मार्केट के उलट  घरेलू स्तर पर सोने को लेकर निवेश मांग हालांकि शानदार रहा है। इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि देश के कुल 17 गोल्ड ETF (Gold Exchange Traded Fund) में फरवरी 2024 के दौरान 997.22 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश (inflow) हुआ। अगस्त 2023 के बाद किसी एक महीने के दौरान गोल्ड ईटीएफ में यह सबसे ज्यादा निवेश है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार यह लगातार 11वां महीना है जब गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश देखने को मिला है। इससे पहले कैलेंडर ईयर 2023 में सिर्फ दो महीने यानी जनवरी और मार्च के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी (outflow)  दर्ज की गई थी। जनवरी और मार्च के दौरान क्रमश: 199.43 करोड़ रुपये और 266.57 करोड़ रुपये की निकासी हुई  थी। जबकि अन्य 10 महीनों के दौरान निवेश हुआ।

वहीं भू-राजनीतिक तनाव (geo-political tensions) खासकर इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प (safe-haven) के तौर पर येलो मेटल (yellow metal) की मांग बढ़ गई है।

आउटलुक

यूएस में ब्याज दरों में जल्द ही कटौती की संभावना, केंद्रीय बैंकों की तरफ से जारी खरीदारी और जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच सोने की कीमतों में आगे भी तेजी जारी रह सकती है। मजबूत फिजिकल बाइंग, अर्थव्यवस्था में धीमी तेजी, उच्च महंगाई दर भी सोने के लिए प्रमुख सपोर्टिव फैक्टर्स हो सकते हैं। इसके अलावे ज्यादा वैल्यूएशन को लेकर इक्विटी में गिरावट की आशंका, रुपये में नरमी गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट कर सकते हैं।

First Published - April 1, 2024 | 7:05 PM IST

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