भारत की B2B ई-कॉमर्स कंपनी उड़ान अब बड़े कदम उठाने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी को अपने कॉरपोरेट पुनर्गठन प्लान के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से हरी झंडी मिल गई है। इस फैसले के बाद उड़ान ने अपनी सभी बिजनेस इकाइयों को एक ही प्लेटफॉर्म, हाइवलूप ईकॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड, के तहत लाने की योजना बनाई है।
IPO की राह पर उड़ान
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में IPO लाने की तैयारी में है। यह पुनर्गठन कंपनी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने और बाजार में अपनी मौजूदगी को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।
इस पुनर्गठन के बाद उड़ान की सभी सेवाएं—जैसे एडवांस तकनीकी प्लेटफॉर्म, बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, होलसेल ट्रेडिंग और लॉजिस्टिक्स—एक ही छत के नीचे आ जाएंगी। इससे कंपनी को अपने छोटे-छोटे ग्राहकों, खासकर भारत के किराना दुकानदारों को बेहतर सेवा देने में आसानी होगी।
कैसा रहा प्रदर्शन?
उड़ान का FY23-24 का राजस्व 5,700 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कंपनी ने अपने खर्चों पर लगाम लगाते हुए EBITDA घाटा 36% घटाकर 923 करोड़ रुपये किया और SG&A खर्च 35% कम किया। यही नहीं, 2024 में अब तक कंपनी ने 60% राजस्व वृद्धि और 50% ज्यादा डेली ट्रांजैक्शन करने वाले खरीदार जोड़े हैं। उड़ान का मुकाबला अमेजन, फ्लिपकार्ट और जियोमार्ट जैसे दिग्गजों से है। B2B ई-कॉमर्स का बाजार 2027 तक 125 अरब डॉलर को पार कर सकता है, ऐसे में उड़ान के पास अपनी पकड़ मजबूत करने का शानदार मौका है।