भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्ध रिटेल दिग्गज ट्रेंट का शेयर सोमवार को 14.76 फीसदी गिर गया। वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में कंपनी के राजस्व में गिरावट के बाद उसके शेयर पर यह दबाव आया। बुधवार को भी यह शेयर बीएसई पर करीब 3 फीसदी टूटकर 4621.50 रुपये पर बंद हुआ।
पिछली कुछ तिमाहियों में बिक्री वृद्धि में गिरावट आ रही है। साथ ही परिचालन मानकों में कमजोरी, बढ़ती प्रतिस्पर्धी तीव्रता और महंगे मूल्यांकन के कारण यह शेयर पिछले साल अक्टूबर के 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर से करीब 44 फीसदी नीचे आ चुका है। इस गिरावट के बावजूद शेयर ने 21 फीसदी का रिटर्न दिया है जो निफ्टी-50 सूचकांक के मुकाबले बेहतर है। निफ्टी में इस दौरान 1.5 फीसदी की गिरावट आई है।
हालांकि मार्च तिमाही में कंपनी की एक साल पहले के मुकाबले 28 फीसदी की राजस्व वृद्धि दर उसके प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा रहने का अनुमान है और यह ऐसे समय है जब डिस्क्रेशनरी सेगमेंट कमजोर है और इसकी रफ्तार नीचे की ओर है। कई ब्रोकरों ने वृद्धि दर 36 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। पिछले साल जून तिमाही में 56 फीसदी पर पहुंचने के बाद राजस्व वृद्धि लगातार चार तिमाहियों से सुस्त है।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के अभिजीत कुंडू कहते हैं कि मजबूत दो अंक की वृद्धि और अपने स्टोर नेटवर्क का आक्रामक विस्तार करने के बाद ऊंचे आधार प्रभाव की वजह से ट्रेंट की वृद्धि की रफ्तार धीमी हो रही है। लेकिन मजबूत स्टोर नेटवर्क और इसके विस्तार को देखते हुए, ट्रेंट से मध्यावधि से दीर्घावधि में अपने दबदबे को बनाए रखने और प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। यही वजह है कि ब्रोकरेज ने अपनी ‘खरीद’ रेटिंग बनाए रखी है।
कंपनी ने हाल में घोषणा की कि उसके स्टोरों की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई है और उसके ब्रांड- वेस्टसाइड और ज्यूडियो ने करीब 230 शहरों में 10 करोड़ ग्राहकों को अपनी सेवाएं मुहैया कराई हैं। ज्यूडियो के स्टोरों की संख्या 757 है जो सालाना आधार पर 38.9 फीसदी तक बढ़ी है जबकि वेस्टसाइड के स्टोरों की संख्या 248 है जिनमें 6.9 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में अपने सभी फैशन फॉर्मेटों में 136 स्टोर खोले, जो सालाना आधार पर 29 फीसदी तक की वृद्धि है।