नई फ्लैक्सीकैप श्रेणी अब निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि इक्विटी स्कीम श्रेणी में पिछले तीन महीने के दौरान 2,700 करोड़ रुपये से ज्यादा का पूंजी प्रवाह हासिल हुआ।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि निवेशक विभिन्न निवेश श्रेणियों में अपने दांव बढ़ाने के लिए फ्लैक्सीकैप योजनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि बाजार में तेजी अब काफी मजबूत हो गई है।
यूनियन एएमसी के मुख्य कार्याधिकारी जी प्रदीपकुमार ने कहा, ‘फ्लैक्सीकैप इक्विटी सेगमेंट में बेहद आकर्षक श्रेणी है। अपना निवेश प्रमुख सूचकांकों में लगाने की संभावना तलाशने वाले निवेशक अब फ्लैक्सी कैप फंडों पर ध्यान दे रहे हैं। फंड प्रबंधकों को बाजार नजरिये के आधार पर सभी बाजार पूंजीकरण में निवेश करने को स्वतंत्रता है।’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सितंबर 2020 में मल्टीकैप योजनाओं में कुछ बदलाव किए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में फ्लैक्सीकैप श्रेणी की पेशकश की थी।
फ्लैक्सी कैप फंडों में फंड प्रबंधकों को लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी श्रेणियों में बगैर किसी न्यूनतम सीमा के निवेश की अनुमति हासिल है। मल्टीकैप योजनाओं को लार्ज, मिड, और स्मॉलकैप शेयरों में कुल राशि का कम से कम 25 प्रतिशत निवेश करना अनिवार्य है।
पिछले महीने, फ्लैक्सी कैप फंडों ने 1,130 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया, जबकि इस श्रेणी के लिए शुद्घ एयूएम बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो लार्जकैप के बाद इक्विटी श्रेणी में दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।
मई में, सेंसेक्स ने 2021 की अपनी सबसे बड़ी मासिक बढ़त दर्ज की और इसमें 6.5 प्रतिशत की वृद्घि देखी गई। प्रमुख सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया और बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 8.9 प्रतिशत तथा बीएसई मिडकैप 7.1 प्रतिशत चढ़ा।
जनवरी और फरवरी में, फ्लैक्सी-कैप फंडों ने 10,400 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी दर्ज की, क्योंकि कई योजनाएं मल्टीकैप से बदलकर फ्लैक्सीकैप फंडों में तब्दील हुईं और निवेशकों के पास बगैर एक्जिट लोड चुकाए निवेश से निकलने का विकल्प था।
पीजीआईएम इंडिया एमएफ के मुख्य कार्याधिकारी अजीत मेनन का कहना है, ‘मेरे साथ बातचीत में कई वितरकों और सलाहकारों ने बताया कि यदि निवेशकों को यह तय करने में दिक्कत हुई कि कौन सी श्रेणी में निवेश करना चाहिए, तो वे उनके लिए फ्लैक्सी-कैप फंडों और बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में निवेश का सुझाव देंगे।’
पिछले साल में, इक्विटी योजनाएं इक्विटी बाजारों में तेजी की मदद से अच्छा प्रतिफल हासिल करने में सक्षम रहीं। लार्ज-कैप फंडों ने इस अवधि के दौरान 57.34 प्रतिशत का औसत प्रतिफल दिया, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने 79 प्रतिशत और 109 प्रतिशत का औसत प्रतिफल दिया था।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि मिड-कैप या स्मॉल-कैप श्रेणियों में निवेश से परहेज करने वाले कई निवेशक फ्लैक्सी-कैप फंडों में संभावना देख रहे हैं। हाल में, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्लैक्सीकैप फंड पेश करने की घोषणा की है।