फूड और ग्रोसरी डिलिवरी फर्म स्विगी (Swiggy) अपने आगामी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में नए शेयरों का आकार बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर सकती है।
स्विगी के निदेशक मंडल ने 5,000 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करने के लिए विशेष प्रस्ताव पारित किया है। अब इसे 3 अक्टूबर को ईजीएम में शेयरधारकों की मंजूरी के लिए रखा जाएगा। यह जानकारी एनट्रैकर ने कंपनी के एक आंतरिक दस्तावेज के हवाले से दी है।
बेंगलूरु की कंपनी पहले से ही 6,664 करोड़ रुपये के ओएफएस का लक्ष्य लेकर चल रही है। अप्रैल में स्विगी ने गोपनीय तरीके से आईपीओ दस्तावेज जमा कराए थे। आईपीओ के जरिए उसे 10,400 करोड़ रुपये जुटाने हैं। बताया जाता है कि फूड डिलिवरी दिग्गज शेयर बाजार में सूचीबद्धता के लिए 15 अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
स्विगी ने वित्त वर्ष 24 के परिचालन राजस्व में सालाना आधार पर 36 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है और यह 11,247 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसे आउट ऑफ होम उपभोग कारोबार और क्विक कॉमर्स वर्टिकल इंस्टामार्ट में मजबूत वृद्धि से सहारा मिला है। इस अवधि में कंपनी का नुकसान 44 फीसदी घटकर 4,179 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,350 करोड़ रुपये रह गया।
फर्म ने अपने आईपीओ से पहले हाल में अहम पदों पर फेरबदल किया है। आईपीओ इस महीने के दूसरे हिस्से में आने की संभावना है। उसने हाल में ध्रुविश ठक्कर को स्विगी डाइनआउट में सहायक उपाध्यक्ष (राजस्व और वृद्धि) नियुक्त किया है।
ठक्कर फ्लिपकार्ट में वरिष्ठ निदेशक (राजस्व और विपणन) थे। उनसे पहले फ्लिपकार्ट के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष और ग्रोसरी प्रमुख अमितेश झा को स्विगी ने नियुक्ति दी है। झा को स्विगी इंस्टामार्ट का मुख्य कार्याधिकारी बनाया गया है।
तेजी से बढ़ रहे क्विक कॉमर्स में स्विगी के लिए प्रतिस्पर्धा गहरा रही है। जेप्टो, ब्लिंकइट और बीबी अब तेजी से अपने परिचालन का विस्तार कर रही हैं, चाहे श्रेणियों का विस्तार हो या फिर डार्क स्टोर का नेटवर्क का या फिर नए शहरों में पहुंचने का मामला हो। अब इसमें फ्लिपकार्ट और एमेजॉन भी उतर गई है।
एचएसबीसी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक इंस्टामार्ट की बाजार हिस्सेदारी मार्च 2022 के 52 फीसदी के मुकाबले घटकर जनवरी 2024 में 32 फीसदी रह गई। इस दौरान ब्लिंकइट 40 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार की अग्रणी कंपनी के तौर पर उभरी जबकि जेप्टो की बाजार हिस्सेदारी मार्च 2022 के 15 फीसदी से बढ़कर जनवरी 2024 में 22 फीसदी हो गई।