तीस शेयरों वाले सेंसेक्स में आईटी फर्म विप्रो की स्थिति पर तब तक जोखिम है जब तक कि इस शेयर में अब और अप्रैल के बीच काफी तेजी नहीं दिखती। एसऐंडपी बीएसई सूचकांकों के लिए जून पुनर्संतुलन की समीक्षा अवधि 30 अप्रैल को खत्म हो रही है।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रिएट्स ने कहा, जून पुनर्संतुलन के लिए समीक्षा अवधि का एक तिहाई निकल चुका है, ऐसे में हम इंडेक्स में संभावित बदलाव के साथ विप्रो को इससे बाहर निकलने के तौर पर देख रहे हैं।
अदाणी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को इसी क्रम में इंडेक्स में संभावित तौर पर शामिल किया जा सकता है। विप्रो की इंडेक्स से निकासी पर इस शेयर में 1,327 करोड़ रुपये की पैसिव बिक्री हो सकती है, वहीं अदाणी एंटरप्राइजेज को शामिल किया जाता है तो उसमें 1,985 करोड़ रुपये की खरीदारी हो सकती है।
35 फीसदी से ज्यादा स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए अल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल करते हैं। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के सर्वे से मिली।
एक्सचेंजों पर कारोबार का बहुलांश हिस्सा पहले ही अल्गो के जरिए हासिल हो रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रोकरेज आय में गिरावट और नई कंपनियों के उदय ने पारंपरिक फुल सर्विस ब्रोकरों को अपने कारोबारों का विशाखन अन्य क्षेत्र मसलन यूजर्स को लोन लेने में मदद करने, म्युचुअल फंड व एफडी में निवेश और बीमा खरीद आदि में करने के लिए मजबूर किया है।
एएनएमआई स्टॉकटेक सर्वे से यह भी पता चलता है कि ज्यादातर ब्रोकर साल 2023-24 में अपने तकनीकी निवेश में 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखेंगे।
बीमा थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) मेडी असिस्ट हेल्थकेयर का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) पिछले हफ्ते 12 फीसदी से लेकर 20 फीसदी के बीच रहा। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि जीएमपी आखिरी बार करीब 13 फीसदी पर देखा गया था।
मेडी असिस्ट का 1,772 करोड़ रुपये का आईपीओ (पूरी तरह से ओएफएस) सोमवार को खुलकर बुधवार को बंद होगा। कीमत दायरे (397-418 रुपये प्रति शेयर) के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 2,878 करोड़ रुपये होगा। वित्त वर्ष 2023 में मेडी असिस्ट का शुद्ध लाभ 74 करोड़ रुपये रहा जबकि राजस्व 505 करोड़ रुपये।