Vodafone Idea FPO: संकट के दौर से गुजर रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का एफपीओ (follow-on public offering ) आज यानी 22 अप्रैल को 5 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ। शेयर बाजार में लगातार बनी रही अनिश्चितता के दौर में भी कंपनी के 18,000 करोड़ रुपये के FPO को आखिरी घंटे के दौरान शानदार सब्सक्रिप्शन मिला।
दोपहर 3:10 बजे तक, इश्यू को 5.04 गुना सब्सक्रिप्शन मिल चुका था। देश के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ ने लगभग 63.5 बिलियन (63.5 अरब) शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त कीं, जबकि 12.6 बिलियन शेयरों की ऑफरिंग की गई थी, जिसमें 43.4 बिलियन बोलियां विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से आईं। मुख्य बही (main book) में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां लगाई गई हैं।
FPO को योग्य संस्थागत खरीदार (QIB) से 14 गुना, हाई नेटवर्थ वाले इंडिविजुअल्स (HNI) से 3.4 गुना और रिटेल पोर्सन से 0.7 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) ने पहले ही एंकर निवेशकों को 4.9 बिलियन शेयर अलॉट कर दिए हैं, जिसमें जीक्यूजी पार्टनर्स फिडेलिटी (GQG Partners Fidelity), स्टिचिंग (Stichting), रेडव्हील (Redwheel), मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड और ट्रू कैपिटल (Troo Capital) शामिल हैं।
वोडाफोन आइडिया (VIL) के शेयरों में आज 2:59 बजे 2.24 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर 12.63 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। इंट्रा डे ट्रेड के दौरान इसके शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इसके शेयर 5.4 फीसदी की गिरावट के साथ 12.2 रुपये तक पहुंच गए थे।
इसके साथ ही 11 रुपये के FPO प्राइस बैंड के अपर लेवल पर डिस्काउंट अब 10 फीसदी से भी कम है।
FPO की आय और हाल ही में प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla group) को दिए गए 2,075 करोड़ रुपये के तरजीही इश्यू (preferential issuance) से संकटग्रस्त टेलीकॉम ऑपरेटर को कुछ और वक्त मिलने की उम्मीद है और माना जा रहा है कि कंपनी फिर से अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स के कंपटीशन में आ सकती है।
VIL ने FPO की आय से मौजूदा और नई 4G साइटों का विस्तार करने और नई 5G साइटें सेट अप करने की योजना बनाई है। यह दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) को विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान (deferred spectrum payments) के रूप में करीब 2,175 करोड़ रुपये देगी।
मौजूदा समय में, वोडाफोन आइडिया देश की सबसे बड़ी कर्जदार और वित्तीय रूप से तनावग्रस्त कंपनियों में से एक है, जिसका कुल बकाया कर्ज (outstanding debt) करीब 2.38 ट्रिलियन (2.38 लाख करोड़ रुपये) और मार्च 2023 के अंत में 74,359 करोड़ की निगेटिव नेटवर्थ है।
मोबाइल ऑपरेटर पिछले 8 सालों से लगातार घाटे में चल रही है और वित्त वर्ष 2022-23 में उसने करीब 29,371 करोड़ रुपये का नेट घाटा और 6,251 करोड़ रुपये का नकद घाटा (cash loss ) दर्ज किया है।
अपने ऑपरेशन में लगातार हो रहे घाटे की वजह से, वोडाफोन आइडिया नेटवर्क विस्तार और 5G जैसी नई टेक्नोलॉजी में नए निवेश के मामले में अन्य साथी कंपनियों से पिछड़ गया है।
उदाहरण के तौर पर देखें तो पिछले तीन सालों में, वोडाफोन आइडिया ने पूंजीगत खर्च (capital expenditure) पर करीब 48,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के करीब 1.12 ट्रिलियन रुपये के आधे से भी कम है और इस अवधि में रिलायंस जियो (Reliance Jio) के करीब 2.5 ट्रिलियन पूंजीगत खर्च का पांचवां हिस्सा है।