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SEBI ने तोड़ी चुप्पी; कहा- अदाणी ग्रुप पर बची एक जांच पूरी होने के करीब, Hindenburg Research जैसी रिपोर्टों पर निवेशक रहें सावधान

चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का समर्थन करते हुए, सेबी ने कहा कि उसके पास हितों के टकराव से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए पर्याप्त इंटर्नल कंट्रोल मौजूद हैं।

Last Updated- August 11, 2024 | 10:10 PM IST
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Sebi comments on Hindenburg Research Report: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने आज निवेशकों से अपील की है कि वे हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) जैसी रिपोर्टों पर रिएक्शन देने से पहले सावधानी बरतें। नियामक ने कहा कि निवेशक रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पर भी ध्यान दे सकते हैं, जिसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि रिपोर्ट में शामिल प्रतिभूतियों में हिंडनबर्ग रिसर्च की शॉर्ट पोजीशन हो सकती हैं। मार्केट रेगुलेटर ने यह भी बताया कि अदाणी समूह (Adani Group) के मामले में केवल एक जांच बची है, जो लगभग पूरी होने के करीब है।

सेबी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी 2024 के आदेश में बताया गया था सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ 24 में से 22 जांच पूरी कर ली हैं। इसके बाद मार्च 2024 में एक और जांच पूरी कर ली गई, और बाकी बची एक जांच लगभग पूरी हो चुकी है।’

चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का किया सपोर्ट

चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (SEBI chairperson Madhabi Puri Buch) का समर्थन करते हुए, मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि उसके पास हितों के टकराव से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए पर्याप्त इंटर्नल कंट्रोल मौजूद हैं।

सेबी ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, ‘सेबी के पास हितों के टकराव (conflict of interest) से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए पर्याप्त इंटर्नल कंट्रोल हैं, जिसमें प्रकटीकरण ढांचा और अस्वीकृति का प्रावधान (disclosure framework and provision for recusal) शामिल है। सिक्योरिटीज की होल्डिंग और उनके ट्रांसफर के बारे में जरूरी खुलासे समय-समय पर चेयरपर्सन द्वारा किए जाते रहे हैं। चेयरपर्सन ने हितों के संभावित टकराव से जुड़े मामलों से भी खुद को अलग कर लिया है।’

हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस का मामला जारी

हिंडनबर्ग रिसर्च को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर सेबी ने बताया कि मामला अभी भी जारी है और ‘स्थापित प्रक्रिया के अनुसार और नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का पालन करते हुए’ निपटाया जा रहा है। सेबी ने REITs पर ब्लैकस्टोन के प्रति पक्षपात के आरोपों को ‘अनुचित’ करार दिया।

सेबी के बयान में कहा गया, ‘भारतीय सिक्योरिटी मार्केट के डेवलपमेंट के लिए सेबी ने समय-समय पर रीट (REITs), SM REITs, इनविट (InvITs) और म्युनिसिपल बॉन्ड्स (Municipal Bonds ) जैसे अन्य एसेट क्लासेज के जरिये बाजारों के लोकतांत्रिकरण (democratisation of markets), घरेलू बचतों के वित्तीयकरण (financialisation of household savings) और पूंजी बनाने पर जोर दिया है।’

सेबी के बयान में आगे कहा गया है, ‘यह दावा अनुचित है कि सेबी द्वारा विभिन्न अन्य एसेट क्लासेज के बीच REITs और SM REITs को बढ़ावा देना केवल एक बड़े मल्टीनेशनल फाइनेंशिंग ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए था।’

First Published - August 11, 2024 | 9:38 PM IST

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