facebookmetapixel
Sun Pharma Q2FY26 results: मुनाफा 3% बढ़कर ₹3,118 करोड़ पर, रेवेन्यू भी बढ़ाGold silver price today: सोने चांदी की कीमतों में तेजी, गोल्ड फिर ₹1.20 लाख के पारसड़क से लेकर रक्षा तक निवेश की रफ्तार तेज, FY26 में कैपेक्स 52% तक पंहुचाICICI Pru Life ने उतारा BSE 500 एन्हांस्ड वैल्यू 50 इंडेक्स फंड, इस नए ULIP प्लान में क्या है खास?BEML Q2 results: सितंबर तिमाही में मुनाफा 6% घटकर ₹48 करोड़, कमाई में भी आई कमीFTA में डेयरी, MSMEs के हितों का लगातार ध्यान रखता रहा है भारतः पीयूष गोयलसरकार ने ‘QuantumAI’ नाम की फर्जी निवेश स्कीम पर दी चेतावनी, हर महीने ₹3.5 लाख तक की कमाई का वादा झूठाStocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदानSectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरी

SEBI के अनंत नारायण ने CFO और मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दी सख्त चेतावनी

अनंत नारायण ने परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में पारदर्शिता और CFO की जवाबदेही बढ़ाने पर जोर दिया, निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय रिपोर्टिंग सुधार के लिए कदम उठाने को कहा।

Last Updated- June 13, 2025 | 10:51 PM IST
SEBI
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने शुक्रवार को कुछ परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के तरीकों पर चिंता जताई और मुख्य वित्त अधिकारियों से ज्यादा जवाबदेह वनने को कहा। ईटीसीएफओ नेक्स्टजेन समिट में नारायण ने भाव देखकर खरीदने, हितों के टकराव और लेखा परिपाटियों के चलन जैसे उन मसलों का जिक्र किया जो निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की अतीत की चुनौतियों के साथ तुलना करते हुए नारायण ने सुझाव दिया कि मूल्यांकन करने वालों को प्रमुख धारणाओं, संवेदनशीलता दायरों और ट्रैक रिकॉर्ड का खुलासा करना चाहिए और अगर इनमें ज्यादा परिवर्तन हो तो जवाबदेही का सामना करना चाहिए।  

उन्होंने हितों के संभावित टकराव की ओर इशारा किया क्योंकि मूल्यांकनकर्ताओं को अक्सर उन संस्थाओं द्वारा नियुक्त और भुगतान किया जाता है, जिनका वे मूल्यांकन करते हैं, लिहाजा पक्षपातपूर्ण मूल्यांकन हो सकता है।

Also Read: सोना एक लाख के पार, चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड; निवेशकों में बढ़ा उत्साह

मूल्यांकनकर्ताओं के बीच अलग-अलग अवधारणाओं के कारण परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में व्यापक भिन्नताएं पैदा हुई हैं और समय के साथ मूल्यांकन में नाटकीय परिवर्तन होने पर जवाबदेही बहुत कम रह गई है।

नारायण ने वित्तीय आंकड़ों में भरोसा मजबूत करने के लिए ऑडिट समितियों और लेखा परीक्षकों के साथ घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वित्तीय परिणामों और सालाना रिपोर्टों के बीच मौजूदा 70-140 दिन के अंतराल को कम करने का सुझाव दिया।

Also Read: Grasim Industries की पेंट व्यवसाय की तेजी से इंडियन पेंट कंपनियों की चमक फीकी

नारायण ने कहा, भरोसा आधार है, पूंजी निर्माण इंजन है और नियमन सुरक्षा कवच है। मुख्य वित्त अधिकारी इसके संचालक हैं। उन्होंने उनसे अनुपालन से आगे बढ़ने और लेखांकन मानकों की भावना को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने भेदिया कारोबार और रकम की हेराफेरी जैसी परिपाटियों के खिलाफ चेतावनी दी।

First Published - June 13, 2025 | 10:47 PM IST

संबंधित पोस्ट