सोमवार को शुरुआती कारोबार में शानदार तेजी दर्ज करने के बाद रुपये ने अपनी ज्यादातर बढ़त गंवा दी और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चढ़कर बंद हुआ। डीलरों का कहना है कि कुछ बैंकों द्वारा RBI की तरफ से डॉलर खरीदने से रुपये में बढ़त कुछ हद तक बरकरार रही।
सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 81.92 पर बंद हुआ, जबकि इसका पूर्ववर्ती बंद भाव 81.97 था। इस तरह से सोमवार को इसमें 5 पैसे की हल्की बढ़त दर्ज की गई। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 62 पैसे की तेजी आई थी और मजबूत वैश्विक निवेश प्रवाह की वजह से वह एक महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया था।
सोमवार को शुरुआती कारोबार में, रुपये में अच्छी तेजी आई थी और डॉलर के मुकाबले वह 81.73 की एक महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया था, क्योंकि अमेरिकी सरकारी बॉन्डों के प्रतिफल में भारी गिरावट आई।
अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट आने से भारत जैसे उभरते बाजारों में निर्धारित आय वाली परिसंपत्तियों का आकर्षण बढ़ता है।
डीलरों का कहना है कि मंगलवार को बाजार अवकाश को ध्यान में रखते हुए कारोबारियों ने सोमवार को ही अपने सौदे पूरे करने पर जोर दिया, जिस वजह से भी रुपये में तेजी की रफ्तार धीमी पड़ गई।
इसके अलावा, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल द्वारा मंगलवार और बुधवार को भाषण दिए जाने से पहले कारोबारी सतर्कता बरतने पर जोर दे रहे हैं। शिन्हन बैंक के उपाध्यक्ष (ग्लोबल ट्रेडिंग सेंटर) कुणाल सोधानी ने कहा, ‘चीनी युआन में कमजोरी से भी अमेरिकी/रुपये के बीच उतार-चढ़ाव को बढ़ावा मिला। तकनीकी तौर पर, रुपये के लिए 81.60 को हम महत्वपूर्ण स्तर मान रहे हैं, जहां से इसमें अच्छी तेजी दर्ज की जा सकती है। ’