भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से प्राथमिक बाजारों को जल्द ही और प्रोत्साहन मिल सकता है। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए आवेदन की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने और सूचीबद्ध कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का नया तरीका तैयार किया जा रहा है। इससे कंपनियां कम समय में पूंजी जुटाने में सक्षम हो सकती हैं जिससे निजी पूंजीगत खर्च को प्रोत्साहन मिलेगा।
बाजार में तेजी का फायदा उठाते हुए विभिन्न कंपनियां आईपीओ, राइट निर्गम और पात्र निजी नियोजन (क्यूआईपी) से इस साल अभी तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित सालाना पूंजी बाजार सम्मेलन में सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा, ‘पूंजी बाजार की सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका पूंजी निर्माण की होती है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वैश्विक स्तर पर भारत आईपीओ और अन्य निर्गम जारी करने की संख्या के आधार पर पहले स्थान पर है।’
बुच ने कहा कि ज्यादा पूंजी जुटाने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करने के वास्ते सेबी जल्द ही नई व्यवस्था करेगी। इसके तहत निर्गम दस्तावेज के लिए नियामक ‘सरल’ प्रारूप पेश करेगा जिसमें रिक्त स्थान को भरने जैसा आसान तरीका होगा और जटिलताओं को समझाने के लिए एक अलग भाग होगा।
बुच ने यह भी घोषणा की कि सेबी पूंजी जुटाने के एक नए तरीके पर काम कर रहा है जो राइट निर्गम और क्यूआईपी को संचालित करने वाले ढांचे की तरह होगा।
सेबी प्रमुख ने कहा कि बड़ी तादाद में आईपीओ आवेदनों को देखते हुए नियामक इसकी जांच-परख और मंजूरी में लगने वाले समय को कम करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईपीओ दस्तावेज की मंजूरी में लगने वाला समय कम हुआ है मगर अपूर्ण दस्तावेज, आवेदनों में विसंगति या आंतरिक जांच-परख के कारण कुछ देर होती है।
कुछ आईपीओ आवेदनों में खामियों के कारण अच्छे आईपीओ को मंजूरी हासिल करने की राह में बाधा आती है। बाजार नियामक तेजी से मंजूरी के लिए आर्टिफशल इंटेलिजेंस का उपयोग कर रहा है और 80 फीसदी काम इस तकनीक के जरिये किया जा रहा है।
नियामक ने इस साल जुलाई तक 86 आईपीओ आवेदनों की जांच-परख की है। इनमें से 65 को मंजूरी दी गई और 16 को लौटा दिया गया जबकि 4 आवेदन वापस ले लिए गए।
सेबी पूंजी जुटाने के नए तरीके पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जल्द ही परामर्श प्रक्रिया शुरू करेगा। बुच ने कहा, ‘हम राइट निर्गम और तरजीही आवंटन के लिए कॉम्बो प्रोडक्ट लाएंगे। राइट निर्गम की मौजूदा 23 दिन और तरजीही आवंटन की मौजूदा 42 दिन की समयसीमा घटाकर आधी की जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘इस कदम का उद्देश्य पूरी प्रक्रिया को एक्सप्रेसवे की तरह तेज बनाना है ताकि पूंजी तेजी से कम खर्च पर जुटाई जा सके और इसमें निवेशकों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।’
प्राइस डेटाबेस के अनुसार इस साल अभी तक 40 कंपनियों ने पूंजी बाजार से 36,286 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अगले हफ्ते 4 आईपीओ आने वाले हैं जिससे कुल 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
बुच ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में आईपीओ से पूंजी जुटाने के लिहाज से वार्षिक वृद्धि के मामले में भारत शीर्ष पर रहा है।