सरकार के स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की लिस्टिंग को एक वर्ष हो गया है। शेयर बाजार में इसके शेयर प्रदर्शन के संदर्भ में इसका स्कोरकार्ड निराशाजनक रहा है। पिछले एक साल में बीमा कंपनी का शेयर सेंसेक्स के मुकाबले 54 प्रतिशत तक नीचे आया है।
LIC का शेयर अपने 949 रुपये के निर्गम भाव के मुकाबले 40 प्रतिशत गिरकर 567 रुपये पर आ गया है। सेंसेक्स पिछले एक साल में 14 प्रतिशत चढ़ा है। शेयर भाव गिरने से बाजार पूंजीकरण में 2.4 लाख करोड़ रुपये की कमी को बढ़ावा मिला।
IPO भाव पर, LIC का पूंजीकरण 6 लाख करोड़ रुपये था, जबकि मौजूदा समय में इसका बाजार पूंजीकरण 3.6 लाख करोड़ रुपये से कम है। लिस्टिंग के समय, रिलायंस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस के बाद एलआईसी देश की पांचवीं सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनी थी। बाजार पूंजीकरण (mcap) के मामले में अब यह 13वें पायदान पर रह गई है।
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LIC के 20,500 करोड़ रुपये के आईपीओ ने 61 लाख से ज्यादा आवेदन आकर्षित किए थे, जिनमें छोटे निवेशकों और पॉलिसीधारकों का बड़ा योगदान था।