साल 2025 की पहली छमाही में स्मॉल और मिडकैप सूचकांकों ने अपने अग्रणी समकक्षों से कमजोर प्रदर्शन किया है। बीएसई स्मॉलकैप में 1.7 प्रतिशत और बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसकी तुलना में, इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 8-8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
विश्लेषकों का कहना है कि पहली छमाही में स्मॉल और मिडकैप (एसएमआईडी) का कमजोर प्रदर्शन अमेरिका के टैरिफ संबंधी डर, भू-राजनीतिक चिंताओं और दिसंबर 2024 तिमाही में खराब कॉरपोरेट आय की वजह से रहा। इससे निवेशकों को सुरक्षित समझे जाने वाले लार्जकैप की ओर रुख करना पड़ा। लार्जकैप को अस्थिर बाजारों में भी काफी हद तक सुरक्षित दांव माना जाता है।
हालांकि, विश्लेषकों ने कहा कि मार्च तिमाही की आय और उसके बाद की टिप्पणियों ने कुछ भरोसा जगाया है और निवेशकों ने अगले कुछ महीनों के लिए एसएमआईडी शेयरों पर ध्यान दिया। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में बीएसई मिडकैप, बीएसई स्मॉलकैप, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 सूचकांकों ने 12 से 18 फीसदी के दायरे में शानदार दो अंक के रिटर्न के साथ बाजार को मात दी। इसकी तुलना में सेंसेक्स और निफ्टी 50 सूचकांक में 8.6 और 9 फीसदी की तेजी आई।
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वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में निदेशक (इक्विटी स्ट्रेटेजी) क्रांति बाथिनी ने कहा, ‘मार्च 2025 तिमाही का अर्निंग सीजन और ज्यादातर मिड-एंड स्मॉलकैप के लिए टिप्पणी अच्छी थी। इसकी वजह यह है कि डीआईआई ने भी इन सेगमेंट के शेयरों में पैसा लगाया। हालांकि, अब शेयरों के चयन पर ध्यान देने की जरूरत है।’
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के दौरान मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स के 501 शेयरों के बाजार मूल्य में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुईहै। इनमें से 75 शेयरों में 50 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। समीक्षा अवधि के दौरान ल्युमैक्स ऑटो टेक्नोलॉजीज (112 प्रतिशत ऊपर) , सुवेन लाइफ साइंसेज (111 प्रतिशत ऊपर) और एनएसीएल इंडस्ट्रीज (104 फीसदी) ने निवेशकों के पैसे को दोगुना कर दिया।
इस बीच बजाज फिनसर्व एएमसी के अनुसार स्मॉलकैप सेगमेंट ने पिछले सात कैलेंडर वर्षों में मजबूत वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान इस बास्केट का बाजार पूंजीकरण पांच गुना बढ़ गया है। यह 2017 के 17 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 के अंत तक 92 लाख करोड़ रुपये हो गया जो इस दौरान 27.6 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) दर्शाता है। बजाज फिनसर्व एएमसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इसकी तुलना में लार्जकैप और मिडकैप सेगमेंट ने इसी अवधि में 14.5 प्रतिशत और 21.6 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि स्मॉलकैप दीर्घावधि नजरिये से मजबूत हैं, बशर्ते कि निवेशक अपनी तैयारी लगन से करें, गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करें और लंबी अवधि के लिए बने रहें। जीक्वांट इन्वेस्टेक के संस्थापक शंकर शर्मा ने कहा, ‘मैं लगातार मानता हूं कि भारत एक स्मॉलकैप बाजार है। जहां प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 50 अगले कुछ वर्षों तक ज्यादा रिटर्न नहीं दे सकते हैं, वहीं छोटे स्तरों पर भारत में दमदार कंपनियां मौजूद हैं।’
कोफोर्ज, केपीआईटी टेक, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, डेलिवरी, पेटीएम, मैक्स फाइनैंशियल, एचडीएफसी एएमसी, जुबिलेंट फूडवर्क्स और देवयानी इंटरनैशनल ‘एसएमआईडी’ सेगमेंट में बर्नस्टीन के पसंदीदा शेयर हैं।