Dividend Stock: पिछले तीन साल में निवेशकों को 1200 फीसदी से ज्यादा का तगड़ा रिटर्न देने वाली डिफेंस सेक्टर की कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) के शेयर इस हफ्ते एक्स-डिविडेंड पर ट्रेड करेंगे। रिकॉर्ड डेट से पहले कंपनी के शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है। बुधवार को डिफेंस कंपनी के शेयर 2.5% तक चढ़ गए।
बता दें कि कंपनी ने पिछले महीने हर शेयर पर 2.71 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया था। कंपनी की तरफ से इस साल में यह दूसरा डिविडेंड दिया जा रहा है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने अपने शेयरहोल्डर्स को इस साल अप्रैल में 3 रुपये का डिविडेंड दिया था।
एक्सचेंज फाईलिंग के अनुसार, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स हर शेयर पर 2.71 रुपये का डिविडेंड देगी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतिम डिविडेंड के लिए 19 सितंबर 2025 रिकॉर्ड डेट के रूप में तय की है।
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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों में हाल फिलहाल में तेजी देखने को मिली है। एक महीने में शेयर करीब 10 फीसदी चढ़ गए हैं। छह महीने में शेयर ने 28% और एक साल में 42 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि दो साल में स्टॉक ने 163 फीसदी और तीन साल में 1283 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। स्टॉक का 52 वीक हाई 3,778 रुपये और 52 वीक लो 1,917.95 रुपये है। बीएसई पर कंपनी का मार्केट कैप 1.20 लाख करोड़ रुपये है।
बता दें, कंपनी पहले भी डिविडेंड दे चुकी है। डिफेंस सेक्टर की कंपनी ने इस साल अप्रैल में शेयरहोलार्ड्स को 3 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया था। वहीं, पिछले साल कंपनी ने अपने शेयरों में स्टॉक स्प्लिट किया था। इससे कंपनी का शेयर 2 हिस्सों में बंट गया था। इसके अलावा कंपनी ने अक्टूबर 2024 में 23.19 रुपये का अंतरिम डिविडेंड और सितंबर 2024 में 12.11 रुपये का फाइनल डिविडेंड दिया था।
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डिविडेंड दरअसल किसी कंपनी की कमाई का एक हिस्सा होता है, जो वह अपने शेयरहोल्डर्स को उनके निवेश के बदले में देती है। यानी, जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता है, तो वह कंपनी के मालिकों में से एक बन जाता है। और कंपनी जब मुनाफा कमाती है, तो वह इस मुनाफे का एक हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स में बांटती है, जिसे हम डिविडेंड कहते हैं।
डिविडेंड आमतौर पर तिमाही यानी हर तीन महीने में दिया जाता है, लेकिन कुछ कंपनियां इसे मंथली या सालाना भी दे सकती हैं। यह राशि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा तय की जाती है, जो कंपनी के हाल की कमाई और वित्तीय स्थिति के आधार पर निर्णय लेते हैं।