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निवेशक लुटे या बाजार थमा? ₹7.5 लाख करोड़ डालने के बाद भी क्यों मिला 0% रिटर्न

कोटक सिक्योरिटीज का अनुमान - 2027 तक कंपनियों की कमाई में आएगी मजबूती, बैंक-एनबीएफसी और ऑटो सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा

Last Updated- September 17, 2025 | 2:45 PM IST
Kotak Securities

पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों (DII) से लगभग 90 अरब डॉलर (करीब ₹7.5 लाख करोड़) का पैसा आया है। इसके बावजूद निफ्टी और सेंसेक्स जैसे बड़े इंडेक्स जगह पर ही खड़े हैं, यानी सितंबर 2024 से अब तक निवेशकों को 0% रिटर्न मिला है।

छोटे और मिडकैप भी नीचे

कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 12 महीनों में सिर्फ बड़े इंडेक्स ही नहीं, बल्कि स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयर भी सितंबर 2024 के मुकाबले नीचे हैं। यानी निवेशकों की उम्मीद और बाजार में पैसा आने के बावजूद शेयर बाजार का प्रदर्शन कमजोर रहा है।

क्यों नहीं चढ़ा बाजार?

रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार को सहारा देने वाले कई कारक मौजूद थे – जैसे रिटेल निवेशकों का उत्साह, रुपये की कमजोरी, जीएसटी सुधार, टैक्स कटौती और सरकार की आर्थिक नीतियां। फिर भी निफ्टी और सेंसेक्स में कोई बड़ी तेजी नहीं आई।

कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि अगर रुपया मजबूत होता तो बाजार का प्रदर्शन और भी खराब दिखता। डॉलर के हिसाब से देखें तो भारतीय बाजार ने और भी कमज़ोर रिटर्न दिया है।

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असल वजह – महंगे शेयर

कोटक के विश्लेषकों का मानना है कि बाजार न चलने की सबसे बड़ी वजह ज्यादा वैल्यूएशन (महंगे शेयर) हैं। पिछले साल कई कंपनियों की कमाई (Earnings) कम हुई या उनके अनुमान घटाए गए। इसके बावजूद शेयर की कीमतें ऊंची बनी रहीं।

निफ्टी-50 फिलहाल 23.1 पी/ई (P/E) रेशियो पर ट्रेड कर रहा है। यह 5 साल के औसत (24.5) और 10 साल के औसत (23.4) से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी निवेशकों के लिए महंगा माना जा रहा है।

इस साल अब तक क्या हाल है?

2025 की शुरुआत से अब तक निफ्टी 7% और सेंसेक्स 5.8% चढ़े हैं। ऑटो सेक्टर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में रहा है, जिसे जीएसटी में राहत और टैक्स कट से फायदा मिला। वहीं, आईटी सेक्टर अब भी कमजोर बना हुआ है।

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आगे क्या होगा?

  • कोटक सिक्योरिटीज का अनुमान है कि आने वाले कुछ तिमाहियों में कंपनियों की कमाई धीरे-धीरे सुधरेगी और 2027 तक मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी।
  • बैंक और एनबीएफसी की कमाई अगले साल बेहतर हो सकती है, क्योंकि लोन ग्रोथ बढ़ेगी और खराब कर्ज (NPA) का दबाव घटेगा।
  • ऑटोमोबाइल और खपत वाले सेक्टर को जीएसटी कट का फायदा मिल सकता है।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश सेक्टर की ग्रोथ सीमित रह सकती है, क्योंकि कैपेक्स और मांग अब भी कमजोर है।
  • आईटी सेक्टर की कमाई हल्की बढ़त दिखा सकती है, लेकिन मांग सुस्त बनी रहेगी।

कुल मिलाकर, कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि सिर्फ पैसों का प्रवाह (Inflows) ही बाजार को ऊपर नहीं ले जा सकता। निवेशकों को यह समझना होगा कि असली सहारा कंपनियों की कमाई और मजबूत बुनियादी फैक्टर्स (Fundamentals) हैं।

First Published - September 17, 2025 | 2:39 PM IST

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