facebookmetapixel
देश में घटी बेरोजगारी दर, श्रम बाजार में आई तेजी से रोजगार के नए अवसरों में हुआ इजाफाकेंद्रीय बजट 2026-27 पर निर्मला सीतारमण ने अर्थशास्त्रियों से की अहम बैठकEditorial: न्यायालय के भरोसे न रहें, भारत समेत कई देशों में हलचलवोडाफोन आइडिया के एजीआर बकाया पर राहत या जोखिम: टेलीकॉम सेक्टर के लिए वरदान या संकट?राज्यों की वित्तीय अनुशासन पर चुनावी मुफ्त योजनाओं का बढ़ता असरDelhi blast: अमित शाह ने IB चीफ से की बात, दिल्ली पुलिस ने बताया ये सामान्य धमाका नहीं; नोएडा-मुंबई हाई अलर्ट परRed Fort Blast: लाल किले के पास कार ब्लास्ट, 10 लोगों की मौत — अभी तक और क्या-क्या पता चला है?Bomb Blast in Delhi: लाल किले के पास खड़ी कार में धमाका, 10 लोगों की मौत; पुलिस हाई अलर्ट परVodafone Idea Q2 results: घाटा कम होकर ₹5,524 करोड़ पर आया, रेवेन्यू 2.4% बढ़ाअमेरिका में ट्रंप के टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट का केस बढ़ा सकता है भारत की चिंता, व्यापार समझौते पर बड़ा खतरा

सक्रिय क्लाइंटों में डिस्काउंट ब्रोकरों की 57 फीसदी हिस्सेदारी

Last Updated- March 24, 2023 | 8:20 PM IST
stock market

डिस्काउंट ब्रोकरों मसलन जीरोधा, ग्रो, अपस्टॉक्स और ऐंजल वन की बाजार हिस्सेदारी पिछले पांच वित्त वर्षों में 5 गुना बढ़ी है और एनएसई के सक्रिय क्लाइंटों की ट्रेडिंग का आधा से ज्यादा हिस्सा उनके जरिये होता है। CLSA की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

वित्त वर्ष 23 के पहले 11 महीनों में डिस्काउंट ब्रोकरों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 57 फीसदी हो गई है, जो वित्त वर्ष 18 में 11 फीसदी थी। इसके अलावा एनएसई पर डिस्काउंट ब्रोकरों के साथ जुड़े सक्रिय क्लाइंटों की संख्या इस अवधि में 10 लाख से 1.9 करोड़ हुई है। सक्रिय ट्रेडर उन्हें माना जाता है जिन्होंने 12 महीने में कम से कम एक बार ट्रेड किया हो।

रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में खुदरा निवेशकों की भागीदारी के विस्तार में डिस्काउंट ब्रोकरों की भूमिका अहम रही है। उनके साथ जुड़ने वाले ग्राहकों में से अधिकतर ​टियर-2 शहरों व छोटी जगहों से हैं।

ये डिस्काउंट ब्रोकर बाजार के लिए व्यवस्थागत तौर पर अहम बन गए हैं। जीरोधा व ऐंजल वन को क्वालिफाइड स्टॉक ब्रोकरों की सूची में स्टॉक एक्सचेंजों ने शामिल किया है, जो उनके आकार, ट्रेडिंग वॉल्यूम और क्लाइंटों के फंड के आधार पर है। इस सूची में शामिल ब्रोकरों को अतिरिक्त जिम्मेदा​रियों का वहन करना पड़ता है।

कोविड-19 के दौरान खुदरा भागीदारी में काफी इजाफा हुआ था, लेकिन अब इसमें गिरावट हो रही है और फरवरी 2023 में एनएसई के नकदी कारोबार में औसत रोजाना टर्नओवर 40.8 फीसदी रहा, जो एक साल पहले 52 फीसदी रहा था। साथ ही जुलाई 2020 में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी नकदी बाजार के वॉल्यूम में करीब दो तिहाई थी।

खुदरा भागीदारी में कई गुना इजाफा डीमैट खातों की बढ़ती संख्या में भी नजर आया है, जो अब 11.9 करोड़ के आंकड़े को छू गया है।

First Published - March 24, 2023 | 8:20 PM IST

संबंधित पोस्ट