नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के राज्य चुनावों में दमदार प्रदर्शन से घरेलू इक्विटी बाजारों में तेजी की राह मजबूत होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस जीत को मई में होने वाले आम चुनाव में भाजपा को सफलता मिलने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
भाजपा ने चार प्रमुख राज्यों में से तीन – मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में निर्णायक जीत हासिल की है। हालांकि इन तीन राज्यों में कांटे का मुकाबला रहने का अनुमान था, इसलिए भाजपा की जीत ने सभी को चकित कर दिया है और 2024 में सत्ता बनाए रखने की संभावना बढ़ा दी है, जो बाजारों के लिए सकारात्मक बदलाव है।
एवेंडस कैपिटल मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार चुनाव परिणाम को सकारात्मक नजरिये से देखेगा, क्योंकि तीन राज्यों में जीत अनुमान से बेहतर है। भले ही भाजपा के जीतने की उम्मीद से बाजार में तेजी आई थी, लेकिन वह तीनों राज्यों में जीत की उम्मीद नहीं कर रहा था। शुरुआती प्रतिक्रिया आमतौर पर निराशा या उत्तेजना की अभिव्यक्ति होती है। फिर बाजार बुनियादी बातों और वैश्विक बाजारों के रुझान पर केंद्रित हो जाएगा। वैश्विक तौर पर भी हालात अच्छे दिख रहे हैं, जिससे तेजी की रफ्तार बनाए रखने में मदद मिलेगी।’
पिछले सप्ताह, सेंसेक्स और निफ्टी ने पांच महीनों में अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त दर्ज की। निफ्टी ने भी शुक्रवार को सितंबर में बने पिछले रिकॉर्ड ऊंचे स्तर को भी पार किया है। स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘बाजारों ने दो राज्यों में जीत का अनुमान लगाया था और अब तीन राज्यों में जीत के साथ हम बाजार को जश्न मनाते देखेंगे। इसके अलावा, इस जीत से जुड़ा उत्साह कुछ दिन टिका रह सकता है और उसके बाद बाजार की चाल फिर से वैश्विक तौर पर होने वाले घटनाक्रम पर केंद्रित हो जाएगी।’
शुक्रवार को निफ्टी 20,268 पर बंद हुआ, जो उसके द्वारा 15 सितंबर को बनाए गए 20,192 के पिछले ऊंचे स्तर से ज्यादा है। सेंसेक्स 67,481 पर बंद हुआ, जो 15 सितंबर के उसके 67,839 के पिछले ऊंचे स्तर से अधिक है।
एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी शुक्रवार को पहली बार 4 लाख करोड़ डॉलर से ऊपर दर्ज किया गया।
वैश्विक बाजारों ने अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बड़ी गिरावट के बीच नवंबर में तीन साल में अपनी सबसे बड़ी मासिक तेजी दर्ज की, क्योंकि निवेशकों में यह धारणा मजबूत हो गई कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर वृद्धि का चक्र पूरा कर चुका है और जल्द ही दरें घटाना शुरू करेगा।