facebookmetapixel
H1-B वीजा के नए नियमों से आईटी सेक्टर में घबराहट, भारतीय पेशेवरों और छात्रों में हड़कंपडीलरों के पास 5 लाख कारों का बिना बिका स्टॉक, जीएसटी नई दरों से कारें हुईं सस्तीतिरुपुर निटवियर उद्योग को अमेरिकी ऑर्डर घटने से ₹2,000 करोड़ का नुकसान, सरकार से सहायता बढ़ाने की मांगबिज़नेस स्टैंडर्ड ‘ब्लूप्रिंट’ कार्यक्रम- दुर्लभ खनिजों का बने राष्ट्रीय भंडार: रक्षा सचिववेयरहाउसिंग कंपनियां बढ़ती लागत और स्थिर किराये के बीच बाहरी पूंजी पर हो रही हैं निर्भररक्षा क्षेत्र में निवेश और ऑर्डर की निश्चितता जरूरी, DPM नई प्रक्रिया से होगी सरलता: राजिंदर सिंह भाटियाचंद्रयान-3 की सफलता ने हमें अधिक चुनौतीपूर्ण अभियान शुरू करने का साहस दिया: इसरो प्रमुख वी नारायणनप्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा- 22 सितंबर से जीएसटी ‘बचत उत्सव’ शुरूDRDO में आमूल-चूल बदलाव करने के लिए सरकार की बड़ी योजना: रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंहअमेरिका के वीजा फीस बढ़ोतरी के फैसले से IT सेक्टर पर असर, भारत में GCC केंद्रों का विस्तार होगा तेज

AI और प्राइवेट क्रेडिट बने फैमिली ऑफिसेज की पहली पसंद, रिस्क लेने को तैयार निवेशक

गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, अगले 12 महीनों में 34 प्रतिशत उत्तरदाता अपनी कैश होल्डिंग कम करना चाहते हैं। इनमें से कई 'रिस्क एसेट्स' में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

Last Updated- September 16, 2025 | 1:55 PM IST
Investment

दुनिया भर में फैमिली ऑफिसेज ‘रिस्क-ऑन’ मोड में हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संबंधित थीम और प्राइवेट क्रेडिट में अपने निवेश को बढ़ा रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) 2025 ने 245 फैमिली ऑफिसेज सर्वे में यह जानकारी दी है।

सर्वे में शामिल टोटल उत्तरदाताओं में से 47 फीसदी अमेरिकी, 26 प्रतिशत यूरोप, मीडिल ईस्ट और अफ्रीका, 27 फीसदी एशिया-पेसिफिक रीजन में रहने वाले लोग हैं। इनमें से 40 प्रतिशत फैमिली ऑफिस का नेटवर्थ 1 से 5 अरब डॉलर के बीच है। जबकि 13 प्रतिशत फैमिली ऑफिस का नेटवर्थ 10 अरब डॉलर या उससे अधिक है। फैमिली ऑफिस अभी भी 12 प्रतिशत कैपिटल कैश और समकक्ष एलोकेशन में रख रहे हैं। इसके बावजूद वे निवेश के लिए तैयार हैं।

गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, अगले 12 महीनों में 34 प्रतिशत उत्तरदाता अपनी कैश होल्डिंग कम करना चाहते हैं। इनमें से कई ‘रिस्क एसेट्स’ में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। 38 प्रतिशत फैमिली ऑफिस आने वाले समय में पब्लिक इक्विटी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं।

अमेरिका के बाहर के क्षेत्रों में फैमिली ऑफिस अपने घरेलू और पड़ोसी बाजारों को प्राथमिकता देते हैं। यूरोप, मीडिल ईस्ट और अफ्रीका क्षेत्र के 89 प्रतिशत उत्तरदाता यूरो एरिया में निवेश करने को तैयार हैं। एशिया-पेसिफिक रीजन के 80 प्रतिशत फैमिली ऑफिस चीन में निवेश करते हैं। वहीं, 24 प्रतिशत भारत को भी कैपिटल एलोकेशन करते हैं।

AI और प्राइवेट क्रेडिट में निवेश

गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, 86 प्रतिशत फैमिली ऑफिस किसी न किसी रूप में एआई (AI) में निवेश कर रहे हैं। 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि वे पब्लिक इक्विटी के ज़रिए एआई में निवेशित हैं। 38 प्रतिशत ने कहा कि वे एआई-कैपेबल कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि यह आंकड़े असल में और भी अधिक हो सकते हैं।

बातचीत में एक और फोकस क्षेत्र ‘एआई’ से अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पाने वाली कंपनियां हैं। करीब एक-तिहाई फैमिली ऑफिस ऐसे सेकेंडरी बेनिफिशियरीज़ में निवेशित हैं। यह रुचि औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश से भी जुड़ी हो सकती है। करीब 25 प्रतिशत फैमिली ऑफिस अगले 12 महीनों में इन क्षेत्रों में अधिक निवेश की योजना बना रहे हैं। 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे एनर्जी या मटेरियल्स सेक्टर में ओवरवेट रहेंगे।

एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र प्राइवेट क्रेडिट है। इसमें फैमिली ऑफिस की हिस्सेदारी बढ़कर 2025 में 4 प्रतिशत हो गई है, जो 2023 में 3 प्रतिशत थी। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि फैमिली ऑफिस पारंपरिक क्रेडिट के मुकाबले प्राइवेट क्रेडिट को ज्यादा आकर्षक मानते हैं।

यह भी पढ़ें: सुजलॉन को टाटा पावर रिन्यूएबल से मिला FY26 का सबसे बड़ा ऑर्डर, 3 राज्यों में लगेंगे 838 MW के प्रोजेक्ट

प्राइवेट क्रेडिट हाई रिटर्न के अलावा बेहतर डाउनसाइड प्रोटेक्शन भी देता है। यह इसके कैपिटल स्ट्रक्चर में सीनियर पोजिशन, सख्त शर्तों और लोन की री-स्ट्रक्चरिंग में लचीलापन जैसे कारणों से संभव है। पब्लिक क्रेडिट या सिंडिकेटेड लोन मार्केट्स में ऐसा करना अधिक कठिन होता है।

टैरिफ संबंधी चिंताऐं

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-पैसिफिक (APAC) क्षेत्र में फैमिली ऑफिसेज़ के लिए भू-राजनीतिक तनाव सबसे बड़ी चिंता है। यहां 75 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे टॉप-3 निवेश जोखिमों में शामिल किया है। APAC क्षेत्र में टैरिफ को लेकर चिंता सबसे अधिक है। अमेरिका अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों, खासकर चीन, पर दबाव बना रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में 77 प्रतिशत फैमिली ऑफिस मानते हैं कि वैश्विक स्तर पर इकनॉमिक प्रोटेक्शनिज़्म बढ़ेगा। 70 प्रतिशत उत्तरदाता मानते हैं कि औसत वैश्विक टैरिफ रेट या तो समान रहेगा या और बढ़ेगा। इससे यह संकेत मिलता है कि ऊंचे टैरिफ अब एक नया सामान्य (new normal) बन चुके हैं।

First Published - September 16, 2025 | 1:21 PM IST

संबंधित पोस्ट