कल्याणी ग्रुप के डिफेंस बिजनेस हेड राजिंदर सिंह भाटिया ने कहा है कि भारत को ऐसा मजबूत इकोसिस्टम बनाना चाहिए, जो बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने का अवसर दे सके।
बिजनेस स्टैंडर्ड के स्पेशल कॉरेस्पॉन्डेंट भास्वर कुमार के साथ बातचीत में, जो द ब्लूप्रिंट डिस्कोर्स नामक डिफेंस मैगजीन के लॉन्च मौके पर हुई, भाटिया ने यह भी कहा कि डिफेंस सेक्टर में नई तकनीकों को शामिल करना और अधिग्रहण (acquisition) प्रक्रिया को तेज व सरल बनाना बेहद जरूरी है।
भाटिया ने कहा कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि बड़ी संख्या में नए स्टार्टअप खड़े हो सकें। उन्होंने बताया कि देश में इस समय करीब 1.57 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं। इनमें से लगभग 33,000 टेक्नोलॉजी सेक्टर में हैं, जबकि सिर्फ 9,000 स्टार्टअप डिफेंस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। लेकिन सफल कंपनियों की संख्या बहुत कम है।
उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि इजरायल जैसे देशों की तुलना में भारत के प्रति व्यक्ति स्टार्टअप की संख्या काफी कम है। इसलिए हमें कुछ हजार पर रुकना नहीं चाहिए, बल्कि 1 लाख स्टार्टअप का लक्ष्य रखना चाहिए।
भाटिया ने कहा, “भारत में टैलेंट की कमी नहीं है, ज़रूरत है ऐसे ढांचे बनाने की जो स्टार्टअप्स के निर्माण और उनकी ग्रोथ को बड़े स्तर पर सपोर्ट कर सकें। हमारा लक्ष्य डिफेंस, एयरोस्पेस और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में 1 लाख स्टार्टअप खड़े करने का होना चाहिए।”
भाटिया ने यह भी कहा कि रक्षा क्षेत्र में सुधारों का फोकस अधिग्रहण (acquisition) प्रक्रिया को तेज बनाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रोडक्ट 2 से 5 साल में तैयार हो सकता है, तो उसे हासिल करने की प्रक्रिया भी उतनी ही तेज़ होनी चाहिए। वरना सरकार को पुराना और अप्रासंगिक उपकरण खरीदने की नौबत आ जाएगी।