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वेयरहाउसिंग कंपनियां बढ़ती लागत और स्थिर किराये के बीच बाहरी पूंजी पर हो रही हैं निर्भर

वेयरहाउसिंग कंपनियां लागत बढ़ने और स्थिर किराये के दबाव में मुनाफा बनाए रखने के लिए बाहरी पूंजी, निजी इक्विटी, रिट्स और इनविट्स का सहारा ले रही हैं

Last Updated- September 21, 2025 | 10:49 PM IST
वेयरहाउसिंग में बढ़ा निवेश, किराये में भी इजाफाWarehousing Investment: Investment increased in warehousing, rent also increased
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

वेयरहाउसिंग कंपनियां मुश्किल स्थिति का सामना कर रही हैं। ई-कॉमर्स और थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों की मांग आपूर्ति से ज्यादा है। लेकिन किराया स्थिर है। जमीन तथा निर्माण की लागत लगातार बढ़ रही है। इससे मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है। परिणामस्वरूप, वेयरहाउसिंग कंपनियां मुनाफा और वृद्धि बनाए रखने के लिए बाहरी पूंजी ले रही हैं। इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि किराया आखिरकार बढ़ेगा। लेकिन असंगठित क्षेत्र की कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के कारण किराये में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो रहा है।

वेस्टियन के अनुसार अखिल भारतीय औसत वेयरहाउसिंग किराया 2025 की पहली छमाही में 22 रुपये प्रति वर्ग फुट (पीएसएफ) था जो 2022 की पहली छमाही के 20 रुपये प्रति वर्ग फुट से थोड़ा अधिक है। एनारॉक ग्रुप में रिटेल, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अनुज केजरीवाल ने कहा, ‘इसमें शक नहीं कि मार्जिन पर दबाव है। डेवलपरों को अब किराया बढ़ाना पड़ रहा है। इस बीच, 2024 में निजी इक्विटी निवेश 150 प्रतिशत बढ़ा है क्योंकि संस्थागत निवेशक भरोसेमंद रिटर्न की तलाश में हैं। इससे पता चलता है कि बढ़ती लागत के बावजूद मुनाफे में बने रहने के लिए डेवलपरों को बाहरी फंडिंग की जरूरत है।’

अधिक स्थिर पूंजी के लिए कुछ डेवलपर रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) या स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग जैसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। अब तक, दो वेयरहाउसिंग इनविट्स – टीवीएस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट और एनडीआर इनविट एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हो चुके हैं। नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार वेयरहाउसिंग ने लगातार दीर्घावधि संस्थागत पूंजी को आकर्षित किया है, जिसमें 2017 के बाद से 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है।

2024 में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश बढ़ा और यह 2023 के निवेश का लगभग तीन गुना था। कोलियर्स के अनुसार इस क्षेत्र में 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ जो रियल एस्टेट में कुल निवेश का 39 प्रतिशत है। नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार 2025 की पहली छमाही में इस क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश 5 करोड़ डॉलर रहा। ट्रांसइंडिया रियल एस्टेट के मुख्य कार्याधिकारी राम वलसे ने कहा, ‘खासकर ग्रेड ए परिसंपत्तियों के पोर्टफोलियो का समेकन हो रहा है, जिसमें ज्यादा सक्षम पूंजी से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। कई डेवलपर अपना रिटर्न बढ़ाने के लिए रीट/इनविट का विकल्प अपना रहे हैं जबकि कुछ एक्सचेंजों पर सीधे तौर पर सूचीबद्धता की संभावना तलाश रहे हैं।’

First Published - September 21, 2025 | 10:49 PM IST

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