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Vodafone Idea AGR case: वोडाफोन आइडिया मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- ‘कोई समाधान निकालना होगा’

Vodafone Idea AGR case: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वोडाफोन आइडिया मामले में समाधान निकालने के लिए सरकार और कंपनी के बीच बातचीत चल रही है।

Last Updated- September 20, 2025 | 9:48 AM IST
Vodafone idea AGR case
Representative Image

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दूरसंचार विभाग की तरफ से समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया की अतिरिक्त मांग को रद्द करने के निर्देश देने की मांग से संबंधित वोडाफोन की नई याचिका के संबंध में ‘कोई समाधान निकालना होगा।’ केंद्र ने अदालत को बताया कि समाधान तलाशने के लिए सरकार और वोडाफोन के बीच बातचीत चल रही है।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार वोडाफोन आइडिया में प्रमुख शेयरधारक बन गई है।
मेहता ने कहा, भारत सरकार ने भी 50 फीसदी इक्विटी निवेश किया है। इसलिए हम हितधारक हैं। माननीय न्यायाधीशों की स्वीकृति के अधीन कोई समाधान निकालना पड़ सकता है। अगले सप्ताह तक हम कोई समाधान सोच सकते हैं।

मामले की सुनवाई के बाद वीआई के शेयरों में तेजी आई और यह 8.62 रुपये पर बंद हुआ, जो 14 फरवरी के बाद से इसका उच्चतम स्तर है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर संदेह जताया था कि क्या वह वोडाफोन इंडिया द्वारा एजीआर बकाये से संबंधित एक नई याचिका पर विचार कर सकता है क्योंकि कोर्ट पहले भी दूरसंचार ऑपरेटर की इसी तरह की एक याचिका खारिज कर चुका है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि पिछली याचिकाओं के खारिज होने के बाद से स्थिति बदल गई है।

इस तर्क का समर्थन करते हुए वीआई (वोडाफ़ोन) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि वर्तमान याचिका नए तथ्यों पर आधारित है और पिछली कार्यवाही से अलग है। उन्होंने अदालत से कहा, जिस बात ने मुझे आज यहां आने के लिए प्रेरित किया है, उसका पुराने मामले से कोई लेना-देना नहीं है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अगुआई वाला पीठ सर्वोच्च न्यायालय में वोडाफोन की रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें दूरसंचार विभाग द्वारा एजीआर बकाया की अतिरिक्त मांग को रद्द करने के निर्देश देने की मांग की गई है। जबकि तर्क दिया गया है कि यह 2016-17 से पहले की अवधि का है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय के पहले के फैसले से निपटाया जा चुका है।

शीर्ष अदालत ने 2020 में दूरसंचार विभाग (डीओटी) की गणना के आधार पर वोडाफोन आइडिया के एजीआर बकाया को 2016-17 तक के लिए लॉक कर दिया था।

नई याचिका के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने 5,606 करोड़ रुपये की मांग की है, जो 2016-17 की अवधि के अंतर्गत आता है। 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बकाया राशि की दोबारा गणना नहीं की जाएगी और वोडाफोन आइडिया की देनदारियां 58,254 करोड़ रुपये निर्धारित की थीं।

First Published - September 20, 2025 | 9:48 AM IST

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