अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ तीन महीने बाद पहली बार फोन पर बात की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर बताया कि इस कॉल में टिकटॉक डील को मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा, व्यापार, फेंटानिल और रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने जैसे मुद्दों पर भी बात हुई। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में चीन जाएंगे। साथ ही, शी जिनपिंग सही समय पर अमेरिका का दौरा करेंगे।
ट्रंप ने लिखा, “मैंने और शी ने तय किया कि हम दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC सम्मेलन में मिलेंगे। यह कॉल बहुत अच्छी रही। हम जल्द फिर फोन पर बात करेंगे। टिकटॉक की मंजूरी के लिए शुक्रिया।” एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यह बातचीत सुबह 8 बजे (अमेरिकी समय) शुरू हुई थी। इसमें व्यापार जैसे मुद्दे भी शामिल थे। चीनी सरकारी चैनल CCTV ने इस बातचीत की पुष्टि की, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दी।
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अमेरिकी कांग्रेस ने टिकटॉक को लेकर सख्त कदम उठाया था। उसने आदेश दिया था कि अगर टिकटॉक की चीनी कंपनी बाइटडांस अपनी अमेरिकी संपत्ति नहीं बेचती, तो जनवरी 2025 तक टिकटॉक को अमेरिका में बंद करना होगा। लेकिन ट्रंप ने इस आदेश को लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह टिकटॉक को बिक्री के लिए और समय देना चाहते हैं। ट्रंप का मानना है कि टिकटॉक की अमेरिका में बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “मुझे टिकटॉक पसंद है। इसने मेरी चुनावी जीत में मदद की। टिकटॉक की बहुत कीमत है, और यह कीमत अमेरिका के हाथ में है, क्योंकि हमें इसे मंजूरी देनी है।”
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक ड्राफ्ट डील तैयार की गई है। इसके तहत टिकटॉक की अमेरिकी संपत्ति अमेरिकी मालिकों को दी जाएगी। लेकिन, टिकटॉक को बाइटडांस के एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। इस बात ने कुछ अमेरिकी सांसदों की चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि इससे चीन का टिकटॉक पर प्रभाव बना रह सकता है। हालांकि, बीजिंग ने कहा है कि टिकटॉक से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
ट्रंप ने यह भी बताया कि चीन के साथ व्यापार पर बातचीत अच्छी चल रही है। उन्होंने कहा, “हम एक डील के करीब हैं। हम मौजूदा शर्तों पर चीन के साथ व्यापार समझौता बढ़ा सकते हैं। ये शर्तें हमारे लिए ठीक हैं।” अमेरिका चाहता है कि चीन उसके कृषि उत्पादों और विमानों की खरीद बढ़ाए। साथ ही, फेंटानिल से जुड़े केमिकल्स पर कार्रवाई करे। लेकिन, तकनीक के मुद्दे पर दोनों देशों में अब भी मतभेद हैं। अमेरिका ने चीन को सेमीकंडक्टर और दूसरी हाई-टेक चीजों की सप्लाई सीमित कर दी है।
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के स्कॉट केनेडी ने रॉयटर्स को बताया कि चीन ने टिकटॉक जैसे मुद्दों पर चतुराई से कदम उठाए हैं। इससे बातचीत में उसका पलड़ा भारी रहा। दूसरी ओर, चीनी दूतावास ने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत से अमेरिका-चीन रिश्तों को स्थिरता मिलेगी। दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा, “दोनों देशों के नेताओं की बातचीत रिश्तों को दिशा देने में अहम भूमिका निभाती है।”