सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डेरिवेटिव मार्केट में हेराफेरी रोकने के लिए अपनी निगरानी को और मजबूत करने का फैसला किया है। SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने बताया कि हाल ही में अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ की गई कार्रवाई निगरानी का हिस्सा थी और आगे भी एक्सचेंज व नियामक स्तर पर ऐसे कदम उठाए जाएंगे।
पांडेय ने कहा कि जेन स्ट्रीट के मामले में SEBI ने भारी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने के बाद कार्रवाई की। यह कार्रवाई 3 जुलाई को जारी एक अंतरिम आदेश के तहत हुई, जिसमें SEBI ने जेन स्ट्रीट द्वारा कथित तौर पर कमाए गए करीब 4,844 करोड़ रुपये के ‘गैरकानूनी मुनाफे’ को जब्त करने का आदेश दिया। यह SEBI द्वारा अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।
आदेश में कहा गया कि जेन स्ट्रीट ने निफ्टी बैंक इंडेक्स में 18 दिन और निफ्टी इंडेक्स में तीन दिन, खासकर एक्सपायरी के दिनों में, हेराफेरी की।
जब पांडेय से पूछा गया कि क्या SEBI जेन स्ट्रीट जैसे अन्य हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडर्स की जांच कर रही है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कई अन्य कंपनियां इसमें शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। SEBI के 105 पेज के आदेश में यह भी खुलासा हुआ कि जेन स्ट्रीट ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक नियमों को दरकिनार करने के लिए भारत में कुछ संस्थाएं बनाई थीं। SEBI अब अन्य एक्सपायरी दिनों की भी जांच कर रही है ताकि ऐसी गतिविधियों के पैटर्न का पता लगाया जा सके।
पांडेय ने जोर देकर कहा कि मार्केट में हेराफेरी रोकने के लिए मजबूत निगरानी और सख्त कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने बताया कि SEBI के पास धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार तरीकों को रोकने के लिए पर्याप्त अधिकार हैं। अगर जेन स्ट्रीट इस आदेश को चुनौती देती है, तो पांडेय ने कहा कि हर किसी को कानूनी हक है, लेकिन SEBI का आदेश अपने आप में सब कुछ साफ करता है।
यह बयान उन्होंने सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के एक कार्यक्रम में दिया, जहां निवेशक ऐप में एक नई सुविधा शुरू की गई। इस सुविधा से रिटेल शेयरधारक ई-वोटिंग के दौरान प्रॉक्सी सलाहकारों की सिफारिशें देख सकेंगे।