facebookmetapixel
BFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्यभारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहतएआई से लैस उपकरण से बदला डिजिटल बैंकिंगमजबूत आईटी ढांचा सबके लिए जरूरी: अरुंधती भट्टाचार्यBFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञ

AGR बकाया मामले में SC ने टेलीकॉम कंपनियों को दिया झटका, VI का शेयर 19.60%, Indus Towers का करीब 9% लुढ़का

शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ अक्टूबर को कुछ दूरसंचार कंपनियों के प्रतिवेदनों पर गौर किया था। इनमें एजीआर बकाया मुद्दे पर उनकी याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था।

Last Updated- September 19, 2024 | 7:23 PM IST
Indus Towers

दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर्स के शेयरों में गुरुवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित कई कंपनियों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें समायोजित सकल राजस्व (AGR) में कथित त्रुटियों को सुधारने का अनुरोध किया गया था।

इस फैसले के असर में बीएसई पर वोडाफोन आइडिया (VI) का शेयर 19.60 प्रतिशत टूटकर 10.38 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 22.15 प्रतिशत फिसलकर 52 हफ्तों के निचले स्तर 10.05 रुपये पर आ गया था। दूरसंचार टावर के परिचालन से जुड़ी इंडस टावर्स का शेयर भी 8.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 389.65 रुपये पर आ गया। दिन में एक समय यह 14.32 प्रतिशत फिसलकर 366.30 रुपये पर आ गया था।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें सुधारात्मक याचिकाओं को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था।

Also read: भारत 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर: S&P

सुधारात्मक याचिका सर्वोच्च न्यायालय से राहत पाने का अंतिम जरिया होती है। इस पर आमतौर पर बंद कमरे में विचार किया जाता है, जब तक कि फैसले पर पुनर्विचार के लिए प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ अक्टूबर को कुछ दूरसंचार कंपनियों के प्रतिवेदनों पर गौर किया था। इनमें एजीआर बकाया मुद्दे पर उनकी याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था। दूरसंचार कंपनियों ने अपनी याचिका में दूरसंचार विभाग की तरफ से एजीआर से संबंधित बकाया राशि की अंकगणितीय गणना में कथित त्रुटियों का जिक्र किया था।

First Published - September 19, 2024 | 7:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट